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पाकिस्तान में गहराया राजनीतिक संकट, विपक्षी सांसदों के आने लगे इस्तीफे, 31 तक सभी सांसद दे देंगे इस्तीफा

पाकिस्तान में सियासी संकट गहरा गया है। विपक्षी दलों के सासंदों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। दो सांसदों से यह शुरुआत हो गई है। इधर सरकार ने भी 13 नवंबर को लाहौर में होने जा रही रैली को रोकने की तिकड़म में जुट गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 04:18 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 04:18 PM (IST)
पाकिस्तान में विपक्षी दलों के सासंदों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है।

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट (Political crisis in Pakistan) गहराता जा रहा है। विपक्षी दलों के सासंदों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। दो सांसदों ने बुधवार को इसकी पहल की। 31 दिसंबर तक सभी विपक्षी सांसद इस्तीफा दे देंगे। इधर 13 नवंबर को लाहौर में होने जा रही रैली के संबंध में पुलिस ने कहा है कि आतंकी मरयम नवाज सहित कुछ बड़े नेताओं को निशाना बना सकते हैं।

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पाकिस्तान में विपक्षी राजनीति इमरान सरकार की निरंतर परेशानी बढ़ा रही है। अब विपक्षियों ने संसद और सरकार को पंगु बनाने के लिए सांसदों के सामूहिक इस्तीफे का फैसला कर लिया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के पंजाब प्रांत के सांसद अली हैदर गिलानी ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को सौंप दिया है। पीएमएल-एन के सांसद हामिद हमीद ने भी इस्तीफा दे दिया है।

11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख फजलुर रहमान ने कहा है कि सभी पार्टी के सांसद 31 दिसंबर तक अपनी पार्टी अध्यक्षों को इस्तीफे सौंप देंगे। सभी पार्टियों ने इस पर सामूहिक निर्णय ले लिया है। संसद में सामूहिक इस्तीफे कब सौंपे जाएंगे, इस संबंध में कोई दिन निश्चित नहीं हुआ है।

सामूहिक इस्तीफों के संबंध में पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने पीपीपी के उपाध्यक्ष आसिफ अली जरदारी से बात की। पीपीपी सामूहिक इस्तीफों को लेकर असमंजस की स्थिति में थी। नवाज से बात होने के बाद पीपीपी भी इस निर्णय पर सहमत हो गई है।

13 नवंबर को लाहौर में होने वाली रैली के संबंध में पुलिस ने अलर्ट जारी किया है कि आतंकवादी रैली में विपक्षी नेता मरयम नवाज सहित कई बड़े नेताओं को निशाना बना सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से विपक्षी दलों को रैली को स्थगित कर देना चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्षी दलों पर रैली में भीड़ बुलाकर कोरोना महामारी बढ़ाने का आरोप लगाया है। 


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