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पाकिस्तान में प्रति वर्ष एक हजार लड़कियों को जबरन कुबूल कराया जाता है इस्लाम, अल्पसंख्यकों के साथ होता है बुरा बर्ताव

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान इसमें तेजी आई है क्योंकि अधिकांश गरीब परिवार कर्ज के दलदल में फंस गए हैं। हाल ही में अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देश की सूची में डाला है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 28 Dec 2020 07:02 PM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 07:11 PM (IST)
पाकिस्तान में प्रति वर्ष एक हजार लड़कियों को जबरन कुबूल कराया जाता है इस्लाम, अल्पसंख्यकों के साथ होता है बुरा बर्ताव
दो ईसाई बच्चियों के अपहरण और शादी कराए जाने से मामले ने पकड़ा तूल

कराची, एपी। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाली लड़कियां किस हाल में जी रही हैं, इसे नेहा की कहानी से अच्छी तरह समझा जा सकता है। कुछ दिनों पहले तक चर्च के रोजमर्रा के कामों में हिस्सा लेने वाली नेहा की जिंदगी एक दिन अचानक बदल गई। मात्र 14 वर्ष की उम्र में उसे ईसाई से इस्लाम धर्म कुबूल करने के लिए मजबूर किया गया और 45 वर्ष की उम्र वाले ऐसे व्यक्ति से शादी करा दी गई, जिसके दो बच्चे उसकी उम्र के थे। फिलहाल दुष्कर्म के मामले में आरोपित उसका पति जेल में है, लेकिन देवर द्वारा कोर्ट में हमला किए जाने के प्रयास के चलते वह डरी हुई है। यह कहानी अकेली नेहा की नहीं है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों से ताल्लुक रखने वाली एक हजार लड़कियों को प्रति वर्ष इस्लाम कुबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है।

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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान इसमें तेजी आई है, क्योंकि अधिकांश गरीब परिवार कर्ज के दलदल में फंस गए हैं। हाल ही में अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के मामले में पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देश की सूची में डाला है।

पाकिस्तान में सिर्फ 3.6 फीसद ही अल्पसंख्यक

दक्षिणी सिंध प्रांत की हिंदू लड़कियों को इस्लाम कुबूल कराकर शादी कराने की खबर आम थीं, लेकिन हाल ही में नेहा सहित दो ईसाई लड़कियों का मतांतरण कराकर शादी कराने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पाकिस्तान की 22 करोड़ की आबादी में मात्र 3.6 फीसद ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोग है। ये अक्सर भेदभाव का शिकार होते हैं। जो लोग जबरन मतांतरण की खबरें सार्वजनिक करते हैं उन्हें ईशनिंदा के आरोपों के तहत निशाना बनाया जा सकता है।

कुछ दिनों पहले दक्षिणी सिंध प्रांत में रहने वाली 13 वर्षीय सोनिया कुमारी का अपहरण कर लिया गया था। एक दिन बाद पुलिस ने उसके माता-पिता को बताया कि उसने इस्लाम कुबूल कर लिया है। बाद में परिवार को एक पत्र मिला, जिसमें उसके स्वेच्छा से इस्लाम कुबूल करने और 36 वर्षीय एक व्यक्ति से विवाह करने की बात कही गई। सिंध की रहने वाली 13 वर्षीय आरजू राजा की भी यही कहानी है। उसका पहले अपहरण किया गया और बाद में 40 वर्षीय व्यक्ति से उसकी शादी करा दी गई।


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