दो साल बाद मिली लापता पत्रकार, जासूसी के आरोपी भारतीय पर कर रही थी रिसर्च
दो साल पहले जासूसी के आरोप में गिरफ्तार भारतीय की खोज करने के दौरान लापता पाकिस्तानी पत्रकार पाक-अफगान सीमा के पास मिली है।
इस्लामाबाद (जेएनएन)। जासूस के आरोप में भारतीय कैदी की तलाश में निकली महिला पत्रकार जीनत शहजादी अगस्त 2015 में लाहौर से लापता हो गयी थी और अब दो सालों बाद वापस मिली है। पाकिस्तान के लापता लोगों की कमिटी के प्रमुख व रिटायर जस्टिस जावेद इकबाल ने शुक्रवार को बताया कि जीनत का अपहरण दुश्मन एजेंसियों ने किया था और उन्हें पाकिस्तान-अफनागिस्तान के बॉर्डर से ढूंढा गया।
उन्होंने आगे कहा, ‘बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा ने जीनत को ढूंढने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्हें पाक-अफगान सीमा के पास से बुधवार को खोज लिया गया है।‘
जीनत के परिवार और मानवाधिकार संगठनों का कहना था कि उनके अनुसार जीनत का अपहरण पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने किया है। 25 वर्षीय जीनत एक फ्रीलांस रिपोर्टर है, जिसने लापता लोगों के लिए आवाज उठाई थी। सोशल मीडिया के जरिए जीनत लापता भारतीय हामिद अंसारी की मां फौजिया अंसारी के सम्पर्क में आ गई थी।
इसके बाद जीनत ने फौजिया की तरफ से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की मानवाधिकार सेल में निवेदन देकर हामिद को खोजने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। परिणाम स्वरूप सुरक्षा एजेंसियों ने आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि हामिद उनके हिरासत में था।
शहजादी के परिवार के लोगों ने मानवाधिकार कार्यकर्ता को बताया कि जीनत के लापता होने से पहले भी सुरक्षा बलों ने उसे चार घंटे के लिए हिरासत में लिया था और उससे हामिद के बारे में पूछताछ की थी। 2015 में हामिद को जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत ने तीस साल की कैद की सजा सुनाई। इसी साल शहजादी भी लापता हुई थी। शहजादी के 17 वर्षीय भाई सद्दाम की खुदकुशी की खबर के बाद शहजादी की गुमशुदगी सुर्खियों में आयी।
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