माइक पोंपियो की दो टूक, कहा-आतंक के खात्मे के लिए पाकिस्तान को करने होंगे ज्यादा प्रयास
इमरान खान से पहली मुलाकात में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने साफ कर दिया कि आतंकवाद के सफाए के लिए उन्हें ज्यादा प्रयास करने होंगे।
इस्लामाबाद (प्रेट्र)। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान से पहली मुलाकात में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने साफ कर दिया कि आतंकवाद के सफाए के लिए उन्हें ज्यादा प्रयास करने होंगे। पाकिस्तान की धरती पर पनाह लिए आतंकी संगठनों का बिना भेदभाव के सफाया करना होगा। अमेरिका ने यह रुख पाकिस्तान को 300 मिलियन डॉलर (2,148 करोड़ रुपये) की सैन्य सहायता रद करने के बाद जताया है।
विदेश मंत्री के रूप में पहली बार पाकिस्तान आए पूर्व सीआइए प्रमुख पोंपियो ने प्रधानमंत्री से कहा कि द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी से बात करके उन्हें प्रसन्नता हुई है। इसी बैठक में पोंपियो ने इमरान से आतंकवाद के मुद्दे पर कुछ ज्यादा करने की आवश्यकता जताई। बैठक में अफगानिस्तान के हालात पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री कुरैशी और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी मौजूद थे।
बैठक में अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड भी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच दो साल से कश्मकश चल रही है। अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान अपनी धरती पर पनाह लिए आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे लेकिन पाक सेना इससे लगातार कन्नी काट रही है।
मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, वह अमेरिका के साथ बेहतर रिश्तों को लेकर आशान्वित हैं। एक खिलाड़ी हमेशा आशावादी होता है। मैदान में वह हर कदम पर जीत को मुमकिन बनाने के बारे में सोचता है। वही सोच रिश्तों को बेहतर बनाने को लेकर है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने मीडिया को बताया कि अमेरिका को पाकिस्तान की अपेक्षाओं और हालातों के बारे में बताया गया है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे की चिंताओं को समझा है। रिश्तों पर जमी बर्फ कुछ पिघली है। दोनों पक्षों ने महसूस किया है कि हमें नए वातावरण में अपने संबंधों को फिर से विकसित करना होगा।
भारत से बेहतर रिश्तों के लिए मदद की गुहार
भारत से रिश्तों में बना तनाव खत्म करने के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद मांगी है। उसने भारत से लगने वाली अपनी पूर्वी सीमा पर शांति की अपेक्षा की है जिससे वह अफगानिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा पर ध्यान केंद्रित कर सके। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से वार्ता के दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मदद की मांग की। कुरैशी ने यह बात पोंपियो की अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने में सहयोग की अपेक्षा के जवाब में कही। कहा, भारत से लगने वाली सीमा पर बनी रहने वाली तनाव की स्थिति के कारण देश की तमाम सेना और संसाधन वहां तैनात रहते हैं। इस कारण अफगानिस्तान सीमा पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा सकता। इसी का फायदा उठाकर चरमपंथी संगठन आसानी से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच गतिविधियां चलाते रहते हैं।