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धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका की Pak को नसीहत, कहा- इस दिशा में उठाए जरूरी कदम

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आसिया बीबी की रिहाई के बाद पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि वह धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर जरूरी कदम उठाए।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 11:59 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 11:59 AM (IST)
धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिका की Pak को नसीहत, कहा- इस दिशा में उठाए जरूरी कदम

नई दिल्ली,एएनआइ। पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में सजा काटने के बाद आसिया बीबी की रिहाई पर शुक्रवार अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने प्रतिक्रिया दी।  पोम्पिओ कहा कि ईशनिंदा कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए पाकिस्तान अधिक कदम उठाने चाहिए। साथ ही पोम्पिओ में कहा कि हम उनकी रिहाई की मांग करते रहेंगे और धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए एक दूत की नियुक्ति को लेकर सरकार से कहेंगे।

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जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान की आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। पुरी दुनिया में इस मामले की खूब चर्चा हुई थी। पोम्पियओ ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि पाकिस्तान में 40 से अधिक लोग ऐसे हैं जो उम्रकैद की सजा काट रहे हैं और उन्हें ईशनिंदा कानून के तहत उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है और ऐसा अमेरिका में पहले कभी नहीं हुआ है। यह अमेरिका का एजेंड़ा है।उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता ट्रम्प प्रशासन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। 'ट्रम्प प्रशासन ने हमारी विदेश नीति के एजेंडे में इस तरह धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा पहले कभी नहीं दिया गया है । साथ ही उन्होंने विदेश विभाग के कार्यालय के साथ-साथ विशेष विभाग के मॉनिटर और कॉम्बैट एंटी-सेमिटिज़्म के कार्यालय के साथ अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के कार्यालय की उन्नति की घोषणा की।

2010 में दी गई थी मौत की सजा
ईसाई महिला आसिया को ईशनिंदा के आरोप में 2010 में पाकिस्तानी की निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उन्हें  मुल्तान की महिला जेल में बंद कर दिया गया। हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को पलटते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। पांच बच्चों की मां आसिया को आठ नवंबर 2018 में रिहा किया गया था। जिसके बाद किस्तान में हिंसा फैली गई थी। कट्टरपंथी इस्लामी तहरीक-ए-लबैक पार्टी (टीएलपी) ने धमकी दी थी कि अगर फैसले को पलटा नहीं गया तो वह पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी।

जानें क्या है पूरा मामला
53 साल की आसिया पर आरोप था कि पड़ोसियों ने जब गैर मुस्लिम होने के नाते उन्हें अपने गिलास में पानी पीने से रोका तो उन्होंने इस्लाम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। आसिया हमेशा ईशनिंदा के आरोप से इन्कार करती रहीं। पाकिस्तान में ईशनिंदा पर मौत की सजा देने का प्रावधान है।

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