गुलाम कश्मीर में लोगों का फूटा गुस्सा, चरमराते स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किया प्रदर्शन
गुलाम कश्मीर के पल्लंद्री शहर में चरमराते स्वास्थ्य ढांचे को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
पीओके, जेएनएन। भारत अधिकृत कश्मीर में एक पत्थर भी गिरने पर दुनिया में शोर मचाने वाले पाकिस्तान में लोग बुनियादी सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं और उसको लेकर आए दिन प्रदर्शन कर रहे हैं। गुलाम कश्मीर के पल्लंद्री शहर में चरमराते स्वास्थ्य ढांचे को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। यहां के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से मरहूम किया जाता है। पीओके के नागरिकों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों सा व्यवहार किया जाता है। यहां पर पाकिस्तानी सेना द्वारा आए दिन मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतें मिलती रहती हैं।
पीओके में उठ रही है आजादी की मांग
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लगातार आजादी की मांग उठ रही है। यहां के लोगों का आरोप है कि इस क्षेत्र में पाकिस्तान सेना और सरकार की मदद से आतंकी कैंप चला रहा है। इसके अलावा यहां के लोगों को आज तक भी उनका हक पाकिस्तान सरकार ने उन्हें नहीं दिया है। इतना ही नहीं, अब गिलगिट-बाल्टिस्तान को नया सूबा बनाए जाने को लेकर भी यहां पर जबरदस्त विरोध हो रहा है।
इन लोगों का कहना है कि पाकिस्तान ने इस क्षेत्र पर पिछले छह दशक से अवैध कब्जा किया हुआ है। इन लोगों का यह भी कहना है कि यह क्षेत्र जम्मू कश्मीर का है जिसको पाकिस्तान ने गलत तरह से हथिया रखा है। बीते कुछ समय में ऐसी कई वीडियो फुटेज सामने आई हैं जिनमें पाक विरोधी या आजादी के नारे लगाते प्रदर्शनकारी दिखाई दिए हैं।
भारत के खिलाफ छद्म युद्ध के लिए गुलाम कश्मीर का इस्तेमाल
इससे पहले 12 मार्च को पाकिस्तान के गुलाम कश्मीर, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यूएनएचआरसी की बैठक में पाकिस्तान के अत्याचार की पोल खोली थी। इन लोगों ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इस बैठक में गुलाम कश्मीर के यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष सरदार शौकत अली ने पाकिस्तान से आतंकी कैंप खत्म करने की मांग की है। अली ने पाकिस्तानी सेना पर यह आरोप लगाया है कि वह आतंकवाद का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध कर रहा है।
अली ने कहा कि पाकिस्तानी सेना छद्म युद्ध के लिए इन आतंकवादियों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करती है। इसके लिए अली ने पाकिस्तान सेना को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और उसके अफसर खुलेआम कश्मीरियों से हल्के हथियारों का इस्तेमाल बंद करने और आत्मघाती हमलों के लिए तैयार रहने को कहा है। इस तरह से पाक सेना इन आतंकवादियों को प्रेरित करते हैं। यह खतरनाक स्थिति है।
अली ने कहा कि पाकिस्तान सेवानिवृत्त अफसरों एवं जनरलों द्वारा इसका खुलकर प्रचार किया जा रहा है। गुलाम कश्मीर से आए एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि हम 71 साल के इतिहास में एक के बाद एक आतंकी हमलों के गवाह रहे हैं। जो लोग इसका विरोध करते हैं, उनको पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रताड़ित किया जाता है।
युवाओं का किया जाता है अपहरण
2017 में ये रिपोर्ट आई थी कि सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान का विरोध करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ताओं, खासकर युवाओं का अपहरण कर उन्हें प्रताड़ित किया था, जिसके खिलाफ यूकेपीएनपी ने कई बैठकें और सम्मेलन आयोजित की थी। प्रदर्शन में लोगों ने अपने हाथों में बैनर भी थाम रखे थे जिसमें लिखा था, 'तथाकथित आजाद कश्मीर से अपहरण को खत्म करो।' उन्होंने चीन को भी आड़े हाथों लेते हुए अपने कब्जे वाले क्षेत्र से हटने को कहा। पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान से सशक्त कब्जे को खत्म करने की मांग को लेकर पाक विरोधी नारे लगाए गए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों का हवाला देते हुए उन्होंने पाकिस्तानी सेना को तत्काल इन इलाकों को छोड़ने को कहा।