मुशर्रफ को राहत, बीमारी के चलते देशद्रोह मामले में फैसले को रोकने की याचिका HC में स्वीकार
दुबई में रह रहे मुशर्रफ ने शनिवार को एलएचसी में विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी और अनुपस्थिति में अपने मुकदमे को स्थगित करने की मांग की थी।
लाहौर, एजेंसी । लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) ने मंगलवार को पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने बीमारी के कारण विशेष अदालत से द्रेशद्रोह मामले की सुनवाई को रोकने की मांग की है। दुबई में रह रहे मुशर्रफ ने शनिवार को एलएचसी में विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी और अनुपस्थिति में अपने मुकदमे को स्थगित करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि चूंकि मुशर्रफ देश में मौजूद नहीं थे, इसलिए ट्रिब्यूनल को तब तक इंतजार करने के लिए कहा जाना चाहिए जब तक कि वह ठीक न हो जाए और मुकदमे का सामना करने के लिए वापस आ जाए।
डॉन न्यूज ने बताया कि लाहौर हाई कोर्ट (एलएचसी) के न्यायमूर्ति सैयद मजहर अली अकबर नकवी ने अपनी आपत्तियों को हटा दिया और दुबई स्थित मुशर्रफ की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। अदालत ने संघीय सरकार और आंतरिक मंत्रालय से 28 नवंबर तक जवाब मांगा है। उधर, पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने भी मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले में अपना फैसला जारी करने से रोकने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
बता दें कि पाकिस्तान में एक विशेष अदालत ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की एक अर्जी खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ राजद्रोह मामले में सुनवाई मेडिकल आधार पर स्थगित करने का अनुरोध किया था। लेकिन अदालत ने कहा था कि कि सुनवाई उनकी अनुपस्थिति में भी पूरी की जाएगी। गौरतलब है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज ने नवंबर 2007 में अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लगाने के लिए पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में राजद्रोह का मामला दायर किया था। उस आपातकाल के चलते शीर्ष अदालत के कई न्यायाधीशों को उनके घरों तक सीमित कर दिया गया था और 100 से अधिक को पद से हटा दिया गया था।