जानें- पाकिस्तान की नेशनल असेंबली का क्या है गणित, कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान को कितने सांसदों की है जरूरत
pakistan political crisis पाकिस्तान नेशनल असेंबली में इमरान खान के भविष्य पर चर्चा 28 मार्च को होनी है। नेशनल असेंबली में इमरान खान की हालत इस वक्त खराब है। नेशनल असेंबली में उनकी पार्टी के पास 155 सीटें हैं जबकि कुछ निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन सरकार को हासिल है।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए 28 मार्च का दिन काफी खास होने वाला है। इसी दिन नेशनल असेंबली में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इससे पहले ये चर्चा 25 मार्च को होनी थी लेकिन एक संसद के सदस्य के निधन के चलते इसको आगे के लिए टाल दिया गया। इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद इमरान खान की कुर्सी बचती है या जाती है, दोनों ही सूरत में ये दिन उनके लिए खास ही हारहेगा। नेशनल असेंबली में सीटों के आधार पर यदि मरान खान की स्थिति की बात करें तो ये काफी हद तक खराब है। यही वजह है कि इमरान खान को इस बात की पूरी आशंका दिखाई दे रही है कि वो अपनी कुर्सी को नहीं बचा सकेंगे।
सरकार बनाते समय इमरान खान की स्थिति
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। नया पाकिस्तान बनाने का वादा कर सत्ता पर काबिज होने वाले इमरान खान को सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन मिला हुआ है। यहां पर बहुमत का आंकड़ा 172 सीटों का है। इतने ही सांसदों के समर्थन की जरूरत आज उन्हें अपनी कुर्सी बचाने के लिए भी चाहिए। सरकार बनाने के दौरान नेशनल असेंबली में इमरान सरकार की स्थिति इस प्रकार थी।
नेशनल असेंबली की स्थिति
नेशनल असेंबली में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के पास 155, एमक्यूएम के पास 7, पीएमएल-क्यू और बीएपी के पास 5-5, जीडीए के पास 3, एएमएल के पास 1 सीट है। इसके अलावा जेडब्ल्यूपी के पास 1 और निर्दलीय के पास 2 सीटें हैं। इन सभी का समर्थन पाने के बाद सरकार के हिस्से में 176 सीटें आती थीं।
विपक्ष के पास नंबर
वहीं यदि विपक्ष की स्थिति की बात करें तो इसमें पीएमएल-एन के पास 84, पीपीपी के पास 56, एमएमए के पास 15, बीएनपी-एम के पास 4, एएनपी के पास 1 और 2 सीट निर्दलीयों के पास हैं। इस तरह से विपक्ष के खाते में 162 सीटें थीं।
बदले राजनीतिक हालात
मौजूदा समय में नेशनल असेंबली की स्थिति बदली हुई है। इमरान खान की पार्टी के एक दर्जन से अधिक सांसद पूरी तरह से बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। इन सांसदों ने तो यहां तक अपील की है कि वो अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष का साथ दें। वहीं उनको समर्थन करने वाली पार्टियों के नेता भी सरकार के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं। इमरान का समर्थन करने वाली एमक्यूएम ने पीपीपी का हाथ थाम लिया है।
इन्होंने छोड़ा इमरान खान का साथ
पीटीआई के सांसद नसरुल्लाह घुमन, असीम नजीर शेर वासन, राजा रियाज, रियाज फाटयाना, खुर्रम शहजाद, गुलाम बीबी भरवाना, गुलाम मोहम्मद लाली पार्टी छोड़ने का एलान पिछले माह ही कर चुके थे। इन्होंने कहा था कि वो पीएमएल-एन के टिकट से अगले चुनाव में उतरेंगे।
इमरान खान का आरोप
इमरान खान लगातार विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि वो अपने पक्ष में सांसदों को खरीद रहा है। उनकी ये कोशिश सरकार को गिराने की है। अपने एक वीडियो मैसेज में गुरुवार को इमरान खान ने विपक्ष और उनका विरोध करने वालों को डाकू कहा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये लोग देश का पैसा विदेशों में भेजते हैं और अपनी जेब भरते हैं। उन्होंने 27 मार्च को एक बड़ी रैली करने का एलान किया है और साथ ही इसमें लोगों से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील भी की है। बता दें कि पिछले दिनों इमरान की ही पार्टी के सांसद नजीब हारुन ने कहा था कि इमरान को इस्तीफा दे देना चाहिए।
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