जमात-ए-इस्लामी ने इमरान खान से मांगा इस्तीफा, कहा- 2022 सत्ताधारी सरकार के लिए होगा अंतिम वर्ष
इस्लामाबाद में सभा को संबोधित करते हुए जेआइ प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक ज्यादा समय तक नियंत्रण में नहीं रहेगा। यह बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) का सहयोगी बन गया है। उन्होंने स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर डा. रेजा बाकिर से भी इस्तीफा मांगा।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेआइ) के प्रमुख सिराजुल हक ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफा देने की मांग की है। हक ने कहा है कि देश में हर जगह माफिया मौजूद है और 2022 सत्ताधारी सरकार के लिए अंतिम वर्ष होगा। हक ने पाकिस्तान और पड़ोसी इस्लामिक देशों के लिए एकीकृत आर्थिक बाजार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक विश्व का एकीकृत पाठ्यक्रम होना चाहिए और संयुक्त रक्षा बल भी होना चाहिए।
इस्लामाबाद में सभा को संबोधित करते हुए जेआइ प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक ज्यादा समय तक नियंत्रण में नहीं रहेगा। यह बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) का सहयोगी बन गया है। उन्होंने स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर डा. रेजा बाकिर से भी इस्तीफा मांगा।
सरकार और विपक्ष के बीच साठगांठ होने की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के बारे में बोलने की जगह विपक्ष ने सरकार के कदम का समर्थन किया। इमरान खान से हक ने देश को यह बताने के लिए कहा कि पांच वर्ष के दौरान उनकी सरकार ने कितने घर बनवाए। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) ने 50 लाख घर बनाने का वादा किया था।
पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर
पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के चलते आमलोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। पाकिस्तान में महंगाई एक बार फिर से सातवें आसमान पर पहुंच गई है। इसकी वजह से लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चों को करने में भी काफी परेशानी हो रही है। आलम ये है कि देश में सभी जरूरी चीजें जैसे खाने-पीने के सामान की कीमत काफी बढ़ गई है। पाकिस्तान ब्यूरो आफ स्टेटिस्टिक्स के ताजा आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में देश में महंगाई की दर 11.5 फीसद से बढ़कर 12.3 हो गई है जो बीते 21 माह में सबसे अधिक है। पीबीएस ने अपने ताजा आंकड़ों को 1 जनवरी 2022 को ही साझा किया है।