Move to Jagran APP

ऑपरेशन ऑलआउट से आतंकी संगठनों में बौखलाहट, सलाउद्दीन पर गिरेगी गाज!

पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों में इन दिनों आतंकी सैयद सलाउद्दीन के नाम पर बड़ी खींचतान मची हुई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 04:09 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 11:08 AM (IST)
ऑपरेशन ऑलआउट से आतंकी संगठनों में बौखलाहट, सलाउद्दीन पर गिरेगी गाज!
ऑपरेशन ऑलआउट से आतंकी संगठनों में बौखलाहट, सलाउद्दीन पर गिरेगी गाज!

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। पाकिस्‍तान के आतंकी संगठनों में इन दिनों आतंकी सैयद सलाउद्दीन के नाम पर बड़ी खींचतान मची हुई है। खबरों की मानें तो कश्‍मीर में सेना द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट के बाद इन आतंकी संगठनों में एक बौखलाहट दिखाई दे रही है। यह बौखलाहट कहीं न कहीं इसलिए है क्‍योंकि इस ऑपरेशन के दौरान सेना ने कई आतंकियों को ढेर करने में सफलता हासिल की है। एक के बाद आतंकियों के बड़े नाम ढेर कर दिए गए हैं। आलम यह भी है कि अब इन संगठनों को अपना नेता बनाने लायक चेहरा भी बामुश्किल से ही मिल पा रहा है। इससे आतंकी संगठनों में खलबली मची है और यही वजह है कि विभिन्‍न संगठन अब सलाउद्दीन को उसके पद से हटा देना चाहते हैं। मीडिया में आई खबरों के बाद अब सलाउद्दीन ने भी अपने इस्‍तीफे की पेशकश की है।

loksabha election banner

हाफिज सईद और मौलाना अजहर चाहता है हटाना

आपको यह भी बता दें कि सलाउद्दीन को हटाने की पैरवी करने वालों में खुद हाफिज सईद और मौलाना अजहर का नाम भी शामिल है। अजहर वही इंसान है जिसको दिसंबर 1999 में आतंकियों द्वारा अपहृत विमान इंडियन एयरलाइंस 814 के बदले छोड़ दिया गया था। इस विमान को आतंकियों ने काठमांडू से उड़ान भरने के बाद अपहृत किया था। रिपोर्टस की मानें तो इन्‍होंने ISI से लश्कर और जैश के चीफ ने सलाउद्दीन को हटाने की मांग की है। आईएसआई का भी मन अब उसको हटाने पर लग रहा है। वह अब हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर अमीर खान और इम्तियाज खान को आतंकी संगठन की कमान सौंपना चाहती है था।

एनआईए की लिस्‍ट का मोस्‍ट वांटेड

जहां तक सलाउद्दीन की बात है वह एनआईए की लिस्‍ट का मोस्‍ट वांटेड आतंकी है। इसके अलावा जून 2017 में अमेरि‍का ने भी इसका नाम वैश्विक आतंकियों की लिस्‍ट में डाला था। सलाउद्दीन यूनाइटेड जेहाद काउंसिल का प्रमुख है। यह काउंसिल दरअसल, विभिन्‍न आतंकी संगठनों का एक ग्रुप है जो जम्‍मू कश्‍मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देता है। यह आतंकियों भर्ती से लेकर उनकी ट्रेनिंग और उनके हमलों तक की प्लानिंग को अंजाम देता है।

सरकार का खुला समर्थन

वर्ष 2012 में सामने आए एक इंटरव्‍यू में सलाउद्दीन ने माना था कि पाकिस्‍तान आतंकी संगठनों द्वारा जम्‍मू कश्‍मीर में किए जा रहे हमलों को खुला समर्थन देता है। उसने यह भी कहा था कि यदि पाकिस्‍तान ने किसी भी दबाव में आकर आतंकियों को उनका काम करने से रोका तो वह पाकिस्‍तान के अंदर भी उसके साथ दो-दो हाथ करने को तैयार रहेंगे। आपको बता दें कि सलाउद्दीन का असली नाम सैयद मोहम्‍मद यूसुफ शाह है।

आतंकियों की बौखलाहट

आतंकी संगठनों मची बौखलाहट की एक वजह यह भी हो सकती है कि जिस तेजी से आतंकी घाटी में मारे गए हैं उनकी भरपाई के लिए पाकिस्‍तान आतंकियों की खेप नहीं भेज पा रहा है। इसकी सीधी वजह सीमा पर मौजूद भारतीय जवानों की मुस्‍तैदी है। यही बौखलाहट कहीं न कहीं बोर्डर पर मौजूद पाकिस्‍तान सेना में भी दिखाई देती है। माना जा रहा है कि आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ कराने के मकसद से ही पाकिस्‍तान ने कुछ दिनों से सीमा पर गोलाबारी तेज कर दी है। यह पर यह भी जान लेना जरूरी है कि 2014 में 110 आतंकियों को मार गिराया गया था। वहीं वर्ष 2015 में 113 आतंकी, वर्ष 2016 में 165 आतंकी और वर्ष 2017 में 218 आतंकियों को मार गिराया गया था।

एनआईए की गिरफ्त में सलाउद्दीन का बेटा

यहां पर यह बात भी ध्‍यान में रखने वाली है कि सलाउद्दीन का बेटा शाहिद यूसुफ फिलहाल एनआईए की गिरफ्त में है। उसको टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में 24 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार किया था। उस पर एनआईए का आरोप है कि यूसुफ ने अमेरिका में मौजूद एक इंटरनैशनल वायर ट्रांसफर कंपनी के जरिए एजाज अहमद बट और फरार चल रहे सऊदी अरब के एक शख्स से यह पैसे लिए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.