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US को ओसामा की जानकारी देने वाला पाकिस्तान की जेल में सह रहा ISI का टॉर्चर

ओसामा बिन लादेन के खात्मे में अहम भूमिका निभाने वाला शख्स आज किस तरह की जिंदगी जीने को मजबूर है, क्या जानते हैं आप।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 12:02 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jan 2018 10:28 AM (IST)
US को ओसामा की जानकारी देने वाला पाकिस्तान की जेल में सह रहा ISI का टॉर्चर
US को ओसामा की जानकारी देने वाला पाकिस्तान की जेल में सह रहा ISI का टॉर्चर

नई दिल्‍ली स्‍पेशल डेस्‍क। अमेरिका के लिए वर्ष 2011 तक आतंक का पर्याय बने ओसामा बिन लादेन को मरे हुए भले ही आज सात वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अलकायदा का खौफ आज भी कम नहीं हुआ है। मौजूदा समय में लादेन का बेटा इस संगठन का अहम सदस्‍य है। इसका नाम है हमजा बिन लादेन, जिसे अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है। 2 मई 2011 को अमेरिकी मरीन कमांडो ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्‍तान के एबटाबाद स्थित एक घर में घुसकर ढेर किया था। लेकिन क्‍या आपको पता है कि जिस ओसामा की तलाश वर्षों से अमेरिका अफगानिस्‍तान में कर रहा था, उसके एबटाबाद में होने की खबर उसे किसने दी थी। क्‍या आप यह जानते हैं कि वह शख्‍स आखिर आज कहां है और किस हाल में है। यदि नहीं पता है तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।

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देशद्रोह के आरोप में 33 वर्षों की दी गई सजा

ओसामा बिन लादेन को ढेर करने के पीछे जिस खास आदमी का नाम जुड़ा है वह पाकिस्‍तान का ही रहने वाला है और पेशे से डॉक्‍टर है। इसी आदमी ने एबटाबाद में एक फर्जी टीकाकरण अभियान शुरू किया था और ओसामा के डीएनए के लिए उसका खून का सैंपल पाने में कामयाब रहा था। इस श्‍ख्‍स का नाम डॉक्‍टर शकील अफरीदी है। ओसामा की मौत के बाद से ही पाकिस्‍तान सरकार ने इसे गिरफ्तार कर जेल में डाल रखा है। ओसामा के खात्‍मे के बाद अफरीदी को तोरखम बोर्डर पर देश छोड़कर भागने की कोशिश करते पकड़ा गया था। 23 मई 2012 को उसे देशद्रोह के आरोप में 33 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। इस आदेश के खिलाफ अफरीदी ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया जहां 29 अगस्‍त 2013 को इस मामले की दोबारा जांच करवाने का फरमान सुनाया गया। इसके बाद इसी वर्ष सरकार की तरफ से अफरीदी पर अपने मरीज की हत्‍या का एक मुकदमा दायर कर दिया गया।

सिगरेट से जलाया गया

अफरीदी का मामला इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि पाकिस्‍तान किस तरह से आतंकियों की मदद करता है और उन्‍हें खत्‍म करने में साथ देने वालों को जेल में डाल देता है। आलम यह है कि अफरीदी को आज की तारीख में अपने वकील से भी मिलने की इजाजत नहीं है। इतना ही नहीं अमेरिका कई बार इस बात को कह चुका है कि अफरीदी को रिहा किया जाए लेकिन पाकिस्‍तान हर बार इसको अपने आंतरिक मामले में हस्‍तक्षेप कहकर इस अपील को ठुकराता रहा है। फोक्‍स न्‍यूज और बीबीसी की खबर के मुताबिक अफरीदी ने एक इंटरव्‍यू के दौरान आईएसआई द्वारा उसे प्रताड़ना दिए जाने की बात कही थी। इसके मुताबिक उसको सिगरेट से जलाया गया और जानवरों की तरह उसे मारा गया था। जेल से अफरीदी ने फोक्‍स न्‍यूज को यह इंटरव्‍यू फोन पर दिया था। इस इंटरव्‍यू के बाद अफरीदी की सेल के बाहर तैनात दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन पर अफरीदी को फोन मुहैया करवाने का आरोप था।

अमेरिका की अपील नजरअंदाज

अफरीदी को जेल से रिहा करने की अपील पहले बराक ओबामा ने फिर डोनाल्‍ड ट्रंप ने भी की थी। ट्रंप का कहना था कि अफरीदी ने एक वैश्विक आतंकी को मारने में अमेरिका की मदद की, लिहाजा उसको तुरंत रिहा करना चाहिए। ओसामा को ढेर करने में अफरीदी की भूमिका अग्रणी रही है। उसने ही ओसामा के घर का पता लगाया और इस बात की तसदीक की थी कि ओसामा वहां पर मौजूद है। इतना ही नहीं उसकी ही वजह से अमेरिका यह जान पाया था कि एबटाबाद के उस घर में कितने लोग मौजूद हैं। लेकिन आज यही शख्‍स की सलाखों के भीतर सड़ने को मजबूर है। हाल ये है कि अफरीदी का समर्थन करने वाले पेशावर जेल के उप-अधीक्षक की भी हत्या कर दी गई। इसके अलावा उसके एक वकील की भी सरेआम हत्‍या कर दी गई थी। यहां पर ये भी बता देना जरूरी होगा कि फर्जी टीकाकरण अभियान में डाक्‍टर अफरीदी का जिसने साथ दिया उनको कहीं भी नौकरी पाने के लिए पाकिस्‍तान की सरकार ने अयोग्‍य करार दिया है। अफरीदी की रिहाई को लेकर अब तक कई ऑनलाइन पेटिशन भी फाइल की जा चुकी हैं।

अफरीदी पर मरीज की हत्‍या का आरोप

पाकिस्‍तान ने शकील अफरीदी पर लादेन की हत्या में मदद करने के आरोप की जगह दूसरे ही आरोप लगाए गए हैं। उन पर खैबर आदिवासी क्षेत्र में आतंकियों की मदद करने और प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ने और उसको मदद देने का आरोप है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अफरीदी ने 2011 में करीब 25 बार विदेशी खुफिया एजेंटों से मुलाकात की और उन्‍हें जरूरी दस्‍तावेज उपलब्‍ध करवाए थे। इसके अलावा अफरीदी को देश के लिए खतरा बताया गया है। 2012 से शकील अफरीदी को अपने वकील तक से मिलने नहीं दिया जा रहा है। जेल में उसे बस अपने परिवार से मिलने की अनुमति है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अफरीदी की केस फाइल भी दो साल से लापता है। उनके वकील का यहां तक कहना है कि अदालत में केस लड़ने के लिए सरकारी वकील उपलब्ध नहीं है। इस चीज को पाकिस्तान की उस ताजा करतूत से भी देखा जा सकता है जो उसने मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद के मामले में की है। पाक ने कहा है कि हाफिज सईद और आतंकी संगठनों के खिलाफ पाक के दावों की जांच करने आने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की टीम को ‘सीधे जांच’ की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह टीम 26-26 जनवरी को पाकिस्ता्न जाएगी।

लादेन का बेटा हमजा अलकायदा का अहम सदस्‍य

अफरीदी ने जिस वैश्विक आतंकी के खात्‍मे में अहम योगदान दिया था अब उसी आतंकी का बेटा हमजा अलकायदा को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी के मुताबिक कुछ वर्ष पहले ही अलकायदा प्रमुख अल जवाहिरी ने हमजा को समूह का आधिकारिक सदस्य घोषित किया था। ओसामा की मौत के बाद से ही हमजा अल कायदा का सक्रिय प्रचारक बना हुआ था। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक अलकायदा की तरफ से 9 जुलाई, 2016 को हमजा बिन लादेन का एक ऑडियो टेप जारी किया था, जिसमें उसने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। इस टेप में अमेरिकी लोगों को चेतावनी दी गई थी कि अमेरिका और विदेशों में उन्हें निशाना बनाया जाएगा।

क्‍या होता है वैश्विक आतंकी घोषित करना

विदेश विभाग द्वारा आतंकी घोषित करने का मतलब ऐसे विदेशी व्यक्तियों पर पाबंदी लागू करने से होता है, जिनके द्वारा आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का गंभीर जोखिम होता है और जिससे अमेरिकी जनता की सुरक्षा को खतरा हो या राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या अमेरिका की अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा होता हो। वैश्किव आतंकी घोषित करने के बाद अब अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली हर उस संपत्ति पर रोक लगा दी जाती है जिससे उसका कोई हित जुड़ा होता है। इसके अलावा अमेरिकी नागरिकों के उस व्यक्ति के साथ किसी भी तरह के लेनदेन पर भी रोक लग जाती है।


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