Move to Jagran APP

पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान के शांति प्रस्ताव को लेकर भारत का ठंडा रुख

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तरफ से शांति को एक और मौका देने संबंधी प्रस्ताव को लेकर भारत का रुख बेहद ठंडा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 25 Feb 2019 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 12:29 AM (IST)
पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान के शांति प्रस्ताव को लेकर भारत का ठंडा रुख
पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान के शांति प्रस्ताव को लेकर भारत का ठंडा रुख

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तरफ से शांति को एक और मौका देने संबंधी प्रस्ताव को लेकर भारत का रुख बेहद ठंडा है। आधिकारिक तौर पर भारत की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं जताई गई है।

loksabha election banner

सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले के बाद सरकार की तरफ से पाकिस्तान को लेकर जो फैसला होना था वह सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) में हो चुकी है, सरकार उन फैसलों को लागू कर रही है। पीएम मोदी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सेना को पूरी आजादी है कि वह देश की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाये।

इस हफ्ते भारत की दो अहम कूटनीतिक बैठकों को देखते जानकार मान रहे हैं कि भारत की तरफ से कोई कार्रवाई इस हफ्ते संभव नहीं है। बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात होनी है। इस बैठक के तीसरे दिन शुक्रवार को अबु धाबी में होने वाले आर्गेनाइजेश ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआइसी) की बैठक है।

इस्लामिक देशों के इस 50 वर्ष पुरानी बैठक में पहली बार भारत को बतौर मेहमान बुलाया गया है। भारत इन दोनों कूटनीतिक अवसरों का पूरा फायदा उठाने की मंशा रखता है। चीन, रूस व भारत के विदेश मंत्रियों की तरफ से जारी होने वाले संयुक्त बयान के जरिए पाकिस्तान पर मौजूदा कूटनीतिक दबाव और बढ़ाने की कोशिश होगी। लेकिन भारतीय कूटनीति के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण ओआइसी की बैठक होगी। ओआइसी में अभी तक पाकिस्तान का ही चलता रहा है। अब भारतीय विदेश मंत्री इसके उद्घाटन सत्र में ही पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले के बाद जिस तरह से दुनिया भर के मुल्कों में पाकिस्तान के आतंकी हाथ को स्वीकार किया है वह भी एक वजह है कि भारत जल्दबाजी में सैन्य कार्रवाई नहीं करना चाहेगा। ओआइसी की तरफ से भारत को आमंत्रण मिलने के अलावा जिस तरह से सउदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कश्मीर पर अपने पुराने रुख में बदलाव करने के संकेत दिए है वह भी बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत व सउदी अरब के संयुक्त बयान में कश्मीर में हिंसा को लेकर पाकिस्तान के तर्क को पूरी तरह से खारिज किया गया है। दक्षिण एशिया में बिगड़ते हालात को देखते हुए दुनिया के कई देश लगातार भारत के साथ राजनयिक संपर्क बनाये हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.