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इमरान खान की उल्टी गिनती शुरू, पाक का ये संगठन सरकार के खिलाफ निकालेगा आजादी मार्च

फजलुर रहमान ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां इस बात पर सहमत हैं कि नए सिरे से चुनाव कराए जाएं ताकि पता चल सके कि किसे वास्तविक जनादेश हासिल है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 12:44 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 07:05 AM (IST)
इमरान खान की उल्टी गिनती शुरू, पाक का ये संगठन सरकार के खिलाफ निकालेगा आजादी मार्च
इमरान खान की उल्टी गिनती शुरू, पाक का ये संगठन सरकार के खिलाफ निकालेगा आजादी मार्च

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान में प्रमुख दक्षिणपंथी धार्मिक पार्टी ने 'अक्षम' इमरान खान सरकार को हटाने के लिए 27 अक्टूबर से आजादी मार्च का एलान किया है। पार्टी ने देश में आर्थिक संकट के लिए इमरान सरकार को दोषी ठहराया है।

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जमीयत उलेमा ए इस्लाम-फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने गुरुवार को इस आशय की घोषणा की। जबकि दो दिन पहले ही शीर्ष विपक्षी पार्टियों पीएमएल-एन और पीपीपी ने सरकार के खिलाफ किसी भी एकल संघर्ष का विरोध किया था। साथ ही आम सहमति विकसित करने के लिए सभी दलों की बैठक बुलाने का फैसला किया था।

फर्जी चुनावों का परिणाम है यह सरकार

एक प्रेस कांफ्रेंस में फजलुर रहमान ने कहा, 'यह सरकार फर्जी चुनावों का परिणाम है। हम डी-चौक पर इकट्ठा होंगे। हम वे लोग नहीं हैं जो जिन्हें आसानी से तितर-बितर किया जा सकता है।' उन्होंने आगे कहा, 'सभी विपक्षी पार्टियां इस बात पर सहमत हैं कि नए सिरे से चुनाव कराए जाएं ताकि पता चल सके कि किसे वास्तविक जनादेश हासिल है।' उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि वह अकेले आगे बढ़ रहे हैं। फजलुर ने कहा कि उनकी पार्टी अन्य सभी पार्टियों के साथ संपर्क में है और उनके साथ सलाह मशविरा करके ही फैसले ले रही है।

पाक मंत्री ने अपने ही अखबार को दिए करोड़ों के विज्ञापन

पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक मंत्री पर अपने ही अखबार को करोड़ों रुपये के विज्ञापन देने का आरोप लगा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री बनने के बाद उन्होंने अखबार के वास्तविक सर्कुलेशन का ऑडिट कराए बगैर बढ़ी हुई दरों पर 5.74 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए।

रिपोर्ट में मंत्री का नाम नहीं दिया गया है, लेकिन उनके हवाले से कहा गया है कि विज्ञापन देने में कोई अनियमितता नहीं बरती गई है क्योंकि वह अखबार के मालिक नहीं हैं। हालांकि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक उक्त मंत्री ने प्रकाशन के अधिकार अपने भाई को स्थानांतरित कर दिए हैं जबकि मुद्रण अधिकार अभी भी उनके नाम पर हैं।


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