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पाकिस्तान में अगवा हिंदू लड़कियों के पिता ने की आत्मदाह की कोशिश

पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत में होली के मौके पर हिंदू लड़कियों का जबरन अपहरण कर धर्मांतरण कर निकाह के मामले में सोमवार पीड़ित लड़कियों के पिता ने आत्‍मदाह करने की कोशिश की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 10:52 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 12:15 AM (IST)
पाकिस्तान में अगवा हिंदू लड़कियों के पिता ने की आत्मदाह की कोशिश
पाकिस्तान में अगवा हिंदू लड़कियों के पिता ने की आत्मदाह की कोशिश

इस्‍लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत में होली के मौके पर हिंदू लड़कियों का जबरन अपहरण कर धर्मांतरण कर निकाह के मामले में सोमवार पीड़ित लड़कियों के पिता ने आत्‍मदाह करने की कोशिश की। लेकिन वहां स्‍थानीय लोगों ने ऐसा करने से रोक लिया। हालांकि इस दौरान वह लगातार इंसाफ की मांग कर रहे थे।

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सिंध प्रांत के घोटकी जिले से 13 वर्षीया रवीना और 15 वर्षीया रीना का रसूखदार लोगों के गिरोह ने अपहरण कर लिया। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देश भर में कोहराम मचा। अगवा की गई दोनों बहनों के परिवार ने 20 मार्च को एफआइआर दर्ज कराया था।

पाकिस्तान में संरक्षण मांगने कोर्ट पहुंची हिंदू नाबालिग बहनें, पाक पीएम ने दिए जांच के आदेश

अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनावी वादा याद दिलाया है। प्रधानमंत्री ने चुनाव में जबरन धर्मातरण बंद कराने का वादा किया था। प्रधानमंत्री ने मामले की जांच का आदेश दिया है।

जियो टीवी के मुताबिक, नाबालिग लड़कियों ने पंजाब प्रांत के बहावलपुर की एक कोर्ट से संरक्षण देने का अनुरोध किया है। टीवी की खबर में कहा गया है, 'पुलिस ने खानपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। उस पर शक है कि उसने लड़कियों का निकाह कराने में मदद की है।'

नेशनल असेंबली में प्रस्ताव लाएंगे पीटीआइ के हिंदू सांसद

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआइ) के प्रतिष्ठित हिंदू सांसद रमेश कुमार वंकवानी ने कहा कि वह नेशनल असेंबली के अगले सत्र में जबरन धर्मातरण खत्म करने की मांग करने वाला एक प्रस्ताव पेश करेंगे।

मसौदा प्रस्ताव कहता है, 'सिंध असेंबली ने 2016 में जबरन धर्मातरण के खिलाफ सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था, लेकिन चरमपंथी तत्वों के दबाव में इसे पलट दिया गया था। इस विधेयक को फिर से पेश किया जाना चाहिए और प्राथमिकता के आधार पर असेंबली में पारित करना चाहिए।'


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