इमरान को अब दिखी पाकिस्तान में आटे और चीनी की महंगाई, कीमतें कम करने के दिए निर्देश
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कैबिनेट की मीटिंग में कहा कि अब जरूरी चीजों के दाम कम किए जाएंगे जिससे वेतनभोगी कर्मचारियों को समस्या न हो।
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अब अपने नागरिकों को दैनिक दिनचर्या की जरूरी कीमतों पर अंकुश लगाने की याद आई है। इससे पहले यहां जरूरी चीजों की कीमतें भी आसमान छू रही थीं, अब रविवार को इमरान खान ने ऐलान किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार संघीय कैबिनेट में की बैठक में बुनियादी खाद्य पदार्थों की कीमतों को कम करने के उपायों की घोषणा करेगी।
पीएम इमरान खान ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि मैं समझता हूं कि आम लोग वेतनभोगी वर्ग कठिनाई का सामना कर रहे हैं और फैसला किया है कि किस तरह से इन लोगों के इस्तेमाल किए जाने वाले सामानों के बढ़ते दामों पर रोक लगाई जाए और उनको सामान्य कीमत पर ये चीजें मुहैया कराई जाए। उन्होंने एक ट्वीट में ये भी बताया कि जिन सरकारी एजेंसियों ने आटा और चीनी की कीमतों में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी कर दी थी उसकी गहन जांच शुरू कर दी गई है।
I understand the difficulties ordinary people incl salaried class are confronting & have decided, come what may, my govt will be announcing various measures that will be taken to reduce prices of basic food items for the common man in Cabinet on Tuesday.— Imran Khan (@ImranKhanPTI) February 9, 2020
उन्होंने पाकिस्तान के लोगों को यह आश्वासन दिया कि यदि इस मामले में जो भी जिम्मेदार पाए जाएंगे उनसे जवाब मांगा जाएगा और उनको दंडित किया जाएगा। पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो ने पिछले सप्ताह बताया कि मुद्रास्फीति की दर जनवरी में बढ़कर 14.6 प्रतिशत हो गई जो पिछले महीने में 12.6 प्रतिशत थी, जो कि 12 वर्षों में उच्चतम स्तर थी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई मुद्रास्फीति, पिछले महीने की तुलना में 1.97 गुना अधिक है। पिछली बार, देश में सबसे अधिक मुद्रास्फीति वर्ष 2007-08 में 17pc दर्ज की गई थी। जारी किए गए आंकड़ों से पता चला कि उच्च खाद्य कीमतें, विशेषकर गेहूं और आटा, दाल, चीनी, गुड़ और खाद्य तेल, जनवरी में समग्र मुद्रास्फीति के सबसे बड़े चालक थे।
देश में अभूतपूर्व मुद्रास्फीति पर सरकार की व्यापक आलोचना का नोटिस लेते हुए, प्रधानमंत्री इमरान ने शनिवार को अपनी आर्थिक टीम के सदस्यों को बुनियादी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी लाने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था। उन्होंने खासतौर पर टीम से कहा कि वो विशेष रूप से गेहूं, गेहूं का आटा, चीनी, चावल और दालों के दाम को
एक पखवाड़े के भीतर कम करने की दिशा में कदम उठाएं। बैठक में मौजूद एक नेता ने कहा कि अगर कोई सरकार जनता को राहत और बुनियादी वस्तुएं नहीं दे सकती, तो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं प्रधानमंत्री इमरान का विचार था कि मुद्रास्फीति पिछली सरकारों के "भ्रष्टाचार और लूट" का परिणाम थी। प्रीमियर ने यूटिलिटी स्टोर्स कॉर्पोरेशन (यूएससी) के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि आटा के संकट के दौरान इसने उल्लेखनीय काम किया क्योंकि इसकी बिक्री में 800 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
उन्होंने निगम के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि बुनियादी खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसमें और अधिक सुधार किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री इमरान की अध्यक्षता में हुई बैठक में वित्त सलाहकार डॉ. अब्दुल हफीज शेख, आर्थिक मामलों के संघीय मंत्री हम्माद अजहर, समुद्री मामलों के संघीय मंत्री सैयद अली हैदर जैदी, पीएम (SAPM) के विशेष सहायक गरीबी उन्मूलन और सामाजिक संरक्षण पर डॉ. सानिया निश्तर, प्रवासी पाकिस्तानियों और मानव विकास पर SAPM जुल्फी बुखारी, वरिष्ठ पीटीआई नेताओं जहांगीर तारेन और शहबाज गिल मौजूद थे। इन सभी ने बुनियादी खाद्य पदार्थों की मांग और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से आर्थिक टीम को बताया था कि वह आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से कमी देखना चाहते थे और वह चाहते थे कि परिणाम सिर्फ 15 दिनों में दिखना चाहिए।