Container Politics: जहां से शुरू हुई इमरान की राजनीति, अब उसी से लग रहा है डर; जानें पूरी कहानी
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर से सरकार के खिलाफ आजादी मार्च का एलान कर दिया है। वह भी कंटेनर में रह कर सरकार के खिलाफ धरना देंगे।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान की राजनीति में कंटनेरों का कड़ा महत्व है। 2014 में इमरान खान ने इस्लामाबाद में कंटेनर में रहकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ 126 दिनों का धरना दिया था। अब यही कंटनेर इमरान खान के गले पड़ गया है। चरमपंथी नेता और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने 27 अक्टूबर से सरकार के खिलाफ 'आजादी' मार्च का एलान कर दिया है। वह भी कंटेनर में रह कर सरकार के खिलाफ धरना देंगे। कंटेनर धरनों ने खान को ऊंचाइयों पर पहुंचाया, अब उसी कंटेनरों से इमरान खान डर गए हैं।
कंटेनर का दिया ऑर्डर
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। एक ओर यह सरकार आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार को चरमपंथी नेताओं और पाकिस्तानी आर्मी का भी दबाव सहना पड़ रहा है। मौलाना फजलुर रहमान ने धरना देने के लिए चार बुलेटप्रूफ कंटेनर का ऑर्डर दिया है। सूत्रों का कहना है कि कि कंटेनरों को धरने में शामिल करने का काम पूरा हो गया है। ये कंटेनर रसोई, बाथरूम और बेड से सुसज्जित हैं। प्रत्येक कंटेनर 12 लोग रहे सकते हैं। उनके इस धरने को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का भी समर्थन हासिल है। समर्थन हासिल करने के लिए फजलुर रहमान जेल में बंद पूर्व पीएम नवाज शरीफ से मिलने भी गए थे।
According to a source within the JUI-F, who wished to remain anonymous, four bulletproof containers have been prepared for the sit-in against the government.https://t.co/o04GSBWVX0" rel="nofollow— Dawn.com (@dawn_com) October 3, 2019
क्या हुआ था 2014 में
2014 में इमरान खान के धरने के कारण इस्लामाबाद काफी दिनों तक पूरी तरह से बंद था। यहां तक कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाकिस्तान यात्रा भी रद्द करनी पड़ी थी। अब वही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का अपने देश में कड़ी कार्रवाई पाकिस्तान में 500 भ्रष्ट लोगों को जेल भेजने के लिए इमरान खान को प्रेरित करता है। मौलाना फजलुर रहमान ने इस्लामाबाद के उसी डी-चौक के पास धरना देंगे। अब फजलुर रहमान के धरने को खत्म करने के लिए इमरान खान पूरी तरह एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं।
इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-इस्लामी ने 27 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन के लिए डी-चौक के पास धरना देने के लिए स्थानीय अधिकारियों से अनुमति मांगी है। पाकिस्तान के जिओ टीवी के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने धार्मिक मामलों के मंत्री नूर-उल-हक कादरी को मौलाना फजलुर रहमान के आजादी मार्च का काउंटर करने के लिए कहा है, जो 27 अक्टूबर से शुरू होने वाला है।
इमरान का दावा, धार्मिक कार्ड नहीं खेल पाएंगे फजलुर रहमान
पेशावर में जमीयत प्रमुख फजलुर रहमान ने आजादी मार्च की घोषणा करते हुए कहा था कि यह तभी मार्च खत्म होगा, जब इमरान खान सरकार चली जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि मौलाना फजलुर रहमान पीपीपी और पीएमएल-एन की तरफ से सरकार के खिलाफ धार्मिक कार्ड हालात का फायदा नहीं उठा पाएंगे।