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पाकिस्‍तान संसद के निचले सदन से एफएटीएफ संबंधी चार विधेयक पारित, जानिए- क्‍या है वजह

पाकिस्‍तान के कानून मंत्री फारुह नसीम ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि देश हित में एफएटीएफ संबंधी विधेयक पारित हुए हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 06:11 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:11 AM (IST)
पाकिस्‍तान संसद के निचले सदन से एफएटीएफ संबंधी चार विधेयक पारित, जानिए- क्‍या है वजह

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तानी संसद के निचले सदन ने वैश्विक मनी लॉन्‍ड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा रखी गई कड़ी शर्तों के अनुरूप इससे जुड़े चार विधेयक बुधवार को पारित किए। इस संबंध में सरकार और विपक्ष के बीच सहमति बनने के बाद ये विधेयक पारित हुए हैं।

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पाकिस्तान द्वारा ये नए विधेयक इसलिए पारित किए जा रहे हैं, ताकि इनकी मदद से वह एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट से निकलकर व्हाइट-लिस्ट में आ सके। एफएटीएफ ने जून, 2018 में पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में डालने के बाद 2019 के अंत तक कार्ययोजना को लागू करने को कहा था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उसे समय विस्तार दे दिया गया।

कानून मंत्री फारुह नसीम ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि देश हित में एफएटीएफ संबंधी विधेयक पारित हुए हैं। ये चार विधेयक हैं- आतंकवाद निरोधी (संशोधन) विधयेक, 2020; कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2020; सीमित दायित्व साझेदारी (संशोधन) विधेयक, 2020 और मादक पदार्थ नियंत्रण (संशोधन) विधेयक, 2020। अब चारों विधेयक ऊपरी सदन, नेशनल असेंबली में भेज दिए गए हैं।

वैसे बता दें कि पाकिस्‍तान इतनी आसानी से सुधरने वाला नहीं है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप समेत कई देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्ष पाकिस्‍तान पर आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगा चुके हैं। ट्रंप कई वैश्विक मंचों पर पाकिस्‍तान को आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बता चुके हैं। जानकारों की मानें तो पाकिस्‍तान इस समय लगभग दिवालिया हो चुका है। देशवासियों को कोरोना से बचाने के लिए इमरान खान अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से कई बार मदद की गुहार लगा चुके हैं। ऐसे में पाकिस्‍तान के सामने आतंकवाद का विरोध करने का दिखावा करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है। इमरान खान इस बात से अच्‍छी तरह वाकिफ हैं कि अगर पाकिस्‍तान एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट से बाहर नहीं निकला, तो देशवासी एक-एक रोटी को मजबूर हो जाएंगे।


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