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चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे पूर्व पाक PM अब्बासी के लिए लगे 'गो शाहिद गो' के नारे

पाकिस्तान में इसी महीने 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। चुनाव प्रचार पर निकले पूर्व पीएम शाहिद खक्कान अब्बासी का मतदाता भरपूर विरोध कर रहे हैं।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 12 Jul 2018 02:14 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 02:30 PM (IST)
चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे पूर्व पाक PM अब्बासी के लिए लगे 'गो शाहिद गो' के नारे
चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे पूर्व पाक PM अब्बासी के लिए लगे 'गो शाहिद गो' के नारे

रावलपिंडी (एजेंसी)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खक्कान अब्बासी चुनाव प्रचार के लिए जब अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंचे तो वहां उन्हें मतदाताओं के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोगों ने एक स्वर में 'गो शाहिद गो' के नारे लगाए। आपको बता दें कि पाकिस्तान में इसी महीने 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं इसको लेकर अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवारों का चुनावी अभियान जोरों पर चल रहा है।

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बताया जाता है कि अब्बासी अपने चुनावी क्षेत्र NA-71 में आगामी आम चुनाव के मद्देनजर प्रचार के लिए आम सभा को संबोधित करने पहुंचे थे लेकिन वहां उनका सामना भड़के हुए मतदाताओं से हुआ। शाहिद खक्कान की पांच वर्ष के कार्यकाल से बड़ी संख्या में वहां के मतदाता नाराज हैं। इसलिए इस बार उन्होंने अब्बासी को दोबारा वोट नहीं देने का फैसला किया है।

बता दें कि, अब्बासी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कोटली सट्टियन के मतदाताओं ने पिछली कार्यकाल में विफलता के चलते इस बार उनकी उम्मीदवारी को मानने से इनकार दिया है। उन्होंने सवाल किया कि पिछले पांच सालों से वे कहां थे? मतदाताओं ने कहा कि तब आपके पास हमारे लिए समय नहीं था और अब हमारे पास आपके लिए समय नहीं है। उन्हें शांत कराने का अब्बासी का हर प्रयास विफल रहा।

केवल अब्बासी ही नहीं सिंध प्रांत के कांधकोट जिले के लोगों ने भी वहां के उम्मीदवार सरदार एहसान उर्रहमान मजारी को अपना प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया। मजारी एनए-197 से पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के उम्मीदवार हैं। एक चुनाव अभियान के दौरान मौजूद लोगों ने उनसे उनकी प्रतिनिधित्व की क्षमता को लेकर सवाल भी पूछ डाले।

आपको बता दें कि, पाकिस्तानी मीडिया में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। जिसमें मतदाता अपने यहां के चुनावी उम्मीदवार को खुलेतौर पर नकार रहे हैं। मतदाताओं की ये पहल पाकिस्तान में एक नए और सकारात्मक बयार की तरफ इशारा कर रही है। बता दें कि पाकिस्तान में इसी महीने 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं।


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