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Pakistan Flour Crisis: पाकिस्तान में अब 'रोटी' खाना भी हुआ मुश्किल, 125 रुपये में बिक रहा एक किलो आटा

Pakistan Flour Crisis पाकिस्तान के लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। अब उनके लिए रोटी खाना भी मुश्किल हो रहा है। बलूचिस्तान प्रांत पिछले तीन हफ्तों से आटा संकट का सामना कर रहा है। यहां 20 किलो आटा 2300 से 2500 रुपये में मिल रहा है।

By Achyut KumarEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2022 10:22 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 10:22 PM (IST)
Pakistan Flour Crisis: पाकिस्तान में अब 'रोटी' खाना भी हुआ मुश्किल, 125 रुपये में बिक रहा एक किलो आटा
Pakistan flour crisis: पाकिस्तान में आटा संकट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्वेटा (पाकिस्तान), एजेंसी। Pakistan Flour Crisis: देश में चल रही मुद्रास्फीति के बीच, बलूचिस्तान प्रांत पिछले तीन हफ्तों से आटा संकट का सामना कर रहा है। मिल मालिकों ने प्रांतीय सरकार को इस साल आवश्यक गेहूं की खरीद में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया है। स्थानीय मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी।

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मांग और आपूर्ति के बीच बड़ा अंतर

एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान फ्लोर मिल्स एसोसिएशन (पीएफएमए) के बलूचिस्तान चैप्टर के प्रतिनिधियों ने कहा कि मांग और आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर है, जिससे संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, 'आटा मिल मालिकों को संकट के लिए दोषी ठहराया जा रहा था, जबकि वास्तव में, प्रांतीय सरकार ने कटाई के मौसम के दौरान गेहूं के परिवहन पर अंतर-प्रांतीय और अंतर-जिला प्रतिबंध लगा दिया है।'

आटा मिल मालिकों ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 13 सितंबर को आटा मिल मालिकों ने प्रांत में चल रहे आटा संकट के लिए प्रांतीय सरकार को दोषी ठहराया था और आरोप लगाया था कि खाद्य विभाग इस साल की आवश्यकता के अनुसार गेहूं की खरीद करने में विफल रहा है।

2500 रुपये में मिल रहा 20 किलो आटा

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने गेहूं और आटे की कीमतों में 10-20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। बलूचिस्तान में आटे का 20 किलो का एक बैग 2,380 रुपये से 2,500 रुपये में बिक रहा था। इसके अलावा, आसमान छूती कीमतों के कारण, प्रांत भर की अधिकांश दुकानों में आटा उपलब्ध नहीं था।

शुक्रवार को, पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 15 सितंबर को समाप्त सप्ताह में गेहूं के आटे की कीमत औसतन 7.51 प्रतिशत बढ़कर पीकेआर 106.38 / किग्रा हो गई, जिसकी कीमत आठ सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में पीकेआर 98.95/ किग्रा थी।

कराची में 125 रुपये में मिल रहा एक किलो आटा

कराची में गेहूं के आटे की कीमत कुछ ही दिनों में पीकेआर 20-25 प्रति किलोग्राम बढ़कर पीकेआर 120-125 प्रति किलोग्राम हो गई है। इसी तरह, गेहूं (अनाज) की कीमत एक सप्ताह में 14 प्रतिशत बढ़कर पीकेआर 88/किलोग्राम हो गई, जो पिछले सप्ताह में पीकेआर 77.42/किलोग्राम थी।

सब्जियों का भी संकट

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, इस्माइल इकबाल सिक्योरिटी हेड ऑफ रिसर्च फहद रउफ ने कहा, 'गेहूं ने तीन महीनों में (पीबीएस के अनुसार) 30 फीसदी की छलांग लगाई है।' भीषण बाढ़ के बाद देश में भोजन की आपूर्ति कम हो रही है। सब्जियों की कीमतें भी बढ़ गई हैं क्योंकि पूरा देश सब्जियों की कमी का सामना कर रहा है। देश का बड़ा हिस्सा डूबा हुआ है- खासकर दक्षिण में बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध के प्रांत।

बारिश अभी भी जारी

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 'जुलाई 2022 के मध्य में शुरू हुई पाकिस्तान में भारी मानसूनी बारिश देश के कई हिस्सों में जारी है और इसने पाकिस्तान के 154 जिलों में से 116 जिलों (75 प्रतिशत) को प्रभावित किया है। सबसे अधिक प्रभावित प्रांत सिंध है। उसके बाद बलूचिस्तान है।'

चालू खाता खाटा बढ़ा

इस बीच, अप्रैल 2022 में सत्ता संभालने वाली पीएम शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार कई राजनीतिक और आर्थिक संकटों से जूझ रही है। इसका चालू खाता घाटा पिछले वित्त वर्ष के दौरान बढ़ते व्यापार घाटे के कारण बढ़कर 17.4 अरब अमेरिकी डॉलर या अर्थव्यवस्था के आकार का 4.6 प्रतिशत हो गया है।

मुद्रास्फीति को बढ़ावा

बहुपक्षीय और द्विपक्षीय ऋणदाताओं से डालर के प्रवाह में कमी और विदेशी निवेश में कमी के बीच बढ़ते चालू खाता घाटे ने पिछले कई महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार और रुपये को भारी दबाव में ला दिया है। इसने तेजी से मुद्रास्फीति को बढ़ावा दिया है। साथ ही, स्टेट बैंक को उधार लेने की लागत को एक बहुवर्षीय उच्च तक बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में निवेशकों के विश्वास को कम करने के लिए मजबूर किया है।

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