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पाकिस्तान में झूठी शान के लिए बड़ी बहन ने छोटी को मार डाला

पंजाब प्रांत में अपनी पसंद से शादी करने जा रही युवती की बड़ी बहन ने ही गोली मारकर हत्या कर दी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:15 AM (IST)
पाकिस्तान में झूठी शान के लिए बड़ी बहन ने छोटी को मार डाला
पाकिस्तान में झूठी शान के लिए बड़ी बहन ने छोटी को मार डाला

लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान में झूठी शान के लिए हत्या का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। पंजाब प्रांत में अपनी पसंद से शादी करने जा रही युवती की बड़ी बहन ने ही गोली मारकर हत्या कर दी। मामला लाहौर से 50 किलोमीटर दूर स्थित खुशाल सिंह गांव का है।

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पुलिस के अनुसार, 20 वर्षीय ताहिरा बीबी मंगलवार को अपने समुदाय के एक युवक से शादी करने जा रही थी। बड़ी बहन आसिया बीबी ने उसका पीछा किया और अदालत के करीब उसे गोली मार दी। ताहिरा को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गोली मारने के बाद आसिया फरार हो गई। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस का कहना है कि यह अनूठा मामला है, जिसमें एक बहन ने झूठी शान (ऑनर किलिंग) के लिए छोटी बहन की जान ले ली है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग का कहना है कि एक साल में देश में झूठी शान के लिए एक हजार से ज्यादा महिलाओं की हत्या हो चुकी है।

गरीबी और जुल्‍म से आजिज आकर इस्लाम कबूल करने को मजबूर हिंदू

इस्लामाबाद। पाकिस्तान बनने के बाद से ही वहां रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ दूसरे दर्जे के नागरिकों वाला सुलूक हो रहा है। अब उनसे नौकरी के लिए धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इमरान खान की सरकार के कार्यकाल में इस तरह के कई उदाहरण सामने आए हैं। पाकिस्तान में हिंदुदओं सहित सभी अल्पसंख्यकों के साथ दशकों से भेदभाव और उनका उत्पीड़न हो रहा है।

अल्पसंख्यक लड़कियों को अगवा कर उन्हें मुस्लिम बनाने और उनसे शादी करने का सिलसिला काफी पुराना है। अल्पसंख्यकों के आराधना स्थलों को तोड़े और जलाए जाने की घटनाएं भी होती रहती हैं। लेकिन रोजगार देने के लिए धर्म परिवर्तन कराए जाने का वाकया नया है। जून में सिंध प्रांत के बादिन जिले में इस तरह से कई हिंदू परिवारों का धर्म परिवर्तन कराए जाने का मामला सामने आया है। 

नौकरी के लिए धर्म परिवर्तन की शर्त रखी गई 

प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सावन भील और उनके परिजनों को बीते जून में मुस्लिम बनाया गया, अब उनका नाम मुहम्मद असलम शेख है। असलम बताते हैं कि उन्हें नौकरी इसलिए चाहिए थी क्योंकि उन्हें उससे तनख्वाह के साथ सामाजिक पहचान भी मिल जाती। जब उन्होंने वह पाने की कोशिश की तो उनके सामने धर्म परिवर्तन की शर्त रखी गई।

कोई और रास्ता न होने की वजह से उन्हें वह शर्त माननी पड़ी। असलम ने बताया कि जून में बादिन में हुए कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लोगों ने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम ग्रहण किया। पाकिस्तान की आर्थिक दशा पहले से ही खराब है। कोविड महामारी के चलते हालात और खराब हो गए हैं। ऐसे में रोजगार के लिए धर्म परिवर्तन कराने का सिलसिला और तेज होने की आशंका है।


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