पाकिस्तान में चर्चा, क्या इमरान इस बार भी लाहौर में हारेंगे या इतिहास बदलेंगे?
लाहौर में इससे पहले इमरान जितनी बार चुनाव लड़े, उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
लाहौर। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान इस बार लाहौर समेत पांच जगहों से चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें लाहौर से कभी जीत नसीब नहीं हुई। यहां से वह जितनी बार चुनाव लड़े, उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। लाहौर से उनके फिर चुनाव लड़ने पर सियासी गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि क्या इमरान इस बार भी लाहौर में हारेंगे या इतिहास बदलेंगे?
लाहौर में पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली (एनए) की 13 सीटें हैं। यह शहर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन का 1990 से गढ़ बना हुआ है। इमरान इस बार यहां की एनए-131 सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। उनका मुकाबला पीएमएल-एन उम्मीदवार ख्वाजा साद रफीक से है।
इमरान ने 1996 में पीटीआइ की स्थापना की थी। इसके बाद 1997 में हुए आम चुनाव में उन्होंने लाहौर की दो सीटों से किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2002 के चुनाव में उन्हें लाहौर की एनए-122 सीट से हार का मुंह देखना पड़ा। 2013 के आम चुनाव में भी लाहौर में उनकी किस्मत नहीं बदली। तब वह दूसरी सीटों पर तो जीत गए लेकिन लाहौर में फिर हार गए थे।