पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सजा निलंबित करने की मांग पर सुनवाई स्थगित
पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की याचिका पर सुनवाई सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने अल-अजीजिया इस्पात मिल मामले में सुनाई गई सजा के निलंबन की मांग कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की याचिका पर सुनवाई सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
जवाबदेही अदालत द्वितीय के न्यायाधीश अरशद मलिक ने 24 दिसंबर, 2018 को अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में 69 वर्षीय शरीफ को सात साल कारावास की सजा सुनाई थी। उन पर जुर्माना भी लगाया था। हाई प्रोफाइल पनामा पेपर्स स्कैंडल में शरीफ परिवार के खिलाफ तीन अदालती मामलों में यह तीसरा और आखिरी मामला है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ फिलहाल लाहौर की कोट लखपत जेल में सजा काट रहे हैं।
शरीफ ने अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने इस बात की भी अर्जी लगाई थी कि उनकी अपील पर फैसला आने तक उनकी सजा निलंबित रखी जाए। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने उनकी अर्जी सुनी और यह कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी कि अपील पर सुनवाई शुरू होने के बाद ही उसे (अर्जी को) सुना जा सकता है। अदालत ने शरीफ की अपील पर सुनवाई के लिए अब तक कोई तारीख तय नहीं की है।
अपनी अपील में शरीफ ने दलील दी है कि उन्हें सिर्फ अनुमान के आधार पर दोषी ठहराया गया है इसलिए उनकी सजा निरस्त की जाए। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने आठ सितंबर 2017 को शरीफ परिवार के खिलाफ तीन मामले- एवेनफील्ड प्रोपर्टीज मामला, फ्लैगशिप इनवेस्टमेंट मामला और अल-अजीजिया मिल्स मामला शुरू किया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहराया था और जुलाई 2018 में शरीफ, उनकी पुत्री मरियम और दामाद कैप्टन (रि.) एम सफदर को एवेनफील्ड मामले में क्रमश: दस, सात व एक साल की सजा सुनाई थी। आरोप था कि उन्होंने भ्रष्टाचार के जरिये अर्जित संपत्ति से लंदन में चार लग्जरी फ्लैट खरीदे।