कोरोना वायरस : वुहान में फंसे पाकिस्तानियों ने निकालने के लिए लगाई गुहार, इमरान ने बुलाई बैठक
Coronavirus in Pakistan चीन के शहर वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों के एक समूह ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) से उन्हें निकालने की गुहार लगाई है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। चीन के शहर वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों के एक समूह ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) से उन्हें निकालने की गुहार लगाई है। उधर, इमरान खान ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक उच्च अंतर मंत्रालयी बैठक बुलाने के निर्देश जारी किए हैं ताकि इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाई जा सके। यहां बता दें कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस की जांच तक की कोई व्यवस्था नहीं है और इसके लिए वह चीन पर निर्भर है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, चीन का वुहान शहर पूरी दुनिया से कट गया है। वुहान से परिवहन और हवाई यातायात फिलहाल रोक दिया गया है। इस साल वुहान में ही बीमारी के मामले सामने आए थे और वहीं से यह चीन के अलग अलग इलाकों में फैला था। चीन में इस वायरस के कारण 106 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 4,515 लोग संक्रमित हैं। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए चार चीनी नागरिकों समेत कम से कम पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वुहान में फंसे पाकिस्तानी स्टूडेंट में से एक हफ्सा तैयब ने Geo News से कहा कि पाकिस्तान को छोड़कर दूसरे मुल्क के दूतावास अपने नागरिकों को वुहान से बाहर निकालने की योजना बना रहे हैं। वुहान में 500 से अधिक पाकिस्तानी छात्र हैं। छात्र ने कहा कि यह इनमें से कोई एक भी संक्रमित हुआ तो बाकी छात्रों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। हफ्सा तैयब ने कहा कि यहां जरूरी चीजों की भारी कमी है। यदि यही स्थिति जारी रही तो खाने पीने का भी संकट खड़ा हो जाएगा। हमारी इमरान खान सरकार से गुजारिश है कि हमारी स्थिति पर गौर करके जल्द से जल्द हमें यहां से निकालें।
इसी वीडियो में एक अन्य छात्र ने कहा, 'हम गुजारिश करते हैं कि पाकिस्तानी अधिकारी मानवीय आधार पर हमारी हालत पर संज्ञान लें और कुछ करें।' वुहान यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक छात्र के अनुसार, इस संस्थान में करीब 200 पाकिस्तानी छात्र हैं। वुहान के विश्वविद्यालयों में करीब दो हजार पाकिस्तानी छात्र पढ़ते हैं। इस बीच, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइसा फारुकी ने कहा, 'हम प्रभावित इलाकों में फंसे पाकिस्तानियों की मदद के लिए चीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं।'
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, चीन में लगभग 28 हजार पाकिस्तानी छात्र पढ़ रहे हैं। यही नहीं लगभग 800 पाकिस्तानी व्यापारी भी चीन में रहते हैं। पाकिस्तान में यह बीमारी न फैले इसके लिए प्रधानमंत्री इमरान खान के आदेश पर मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक होने वाली है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्तान से दो नमूनों को पुष्टि के लिए हांग कांग भेजा गया गया है क्योंकि पाकिस्तान की एक भी प्रयोगशाला इस बीमारी का पता लगाने में सक्षम नहीं है।