पाक में चीफ जस्टिस ने कोर्टरूम में लगाई लताड़, बोले कोरोना से बचाव के नियमों का क्यों नहीं हो रहा पालन
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने कोर्टरूम में लोगों की भीड़ देखकर सभी को फटकार लगाई बोले ऐसे तो कोरोना से बचाव के लिए निर्धारित किए गए नियमों का पालन कभी नहीं हो पाएगा।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने सोमवार को कोर्ट रूम में जमावड़े पर वहां मौजूद लोगों को फटकार लगाई। बोले कि कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है, उससे बचाव के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं फिर उनका पालन क्यों नहीं हो रहा है। कोर्ट रूम में इतनी भीड़ लगाने का क्या मतलब है और आप लोग यहां किस काम के लिए बैठे हुए हैं। उन्होंने कोर्ट रूम में मौजूद वकीलों, मीडियाकर्मियों और वादियों / जनता सभी को फटकारा।
पांच न्यायाधीशों वाली एससी पीठ का नेतृत्व करते हुए, मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने एक सुनवाई में पूछा कि अदालत कक्ष क्यों जाम था। कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। आप कौन हैं और यहां क्यों बैठे हैं? उन्होंने वकीलों, मीडियाकर्मियों और वादियों / जनता को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा।
उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं चाहता कि अदालत में किसी को कोरोना हो, जो लोग यहां आ रहे हैं उन सभी को कोरोना से बचाव के लिए बनाई गई गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए, साथ ही एहतियाती कदम भी उठाने चाहिए। सभी न्यायाधीश कोविद -19 महामारी के खिलाफ एहतियाती उपायों के तहत सरकार द्वारा दिए गए नवीनतम एसओपी के अनुसार रहे और उसका पालन करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट भी जारी की है। उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश गुलजार ने कहा कि कम आय वाले देश इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं जिसके कारण वहां महामारी फैलती जा रही है। ये एक बड़ी चिंता का कारण है। अध्ययन के अनुसार पाकिस्तान के साथ-साथ 154 अन्य देशों में मई के तीन-सप्ताह की अवधि के दौरान आयोजित किया गया था। यह स्थिति चिंता का विषय है क्योंकि एनसीडी के साथ रहने वाले लोगों को गंभीर कोरोनोवायरस से संबंधित बीमारी और मृत्यु का अधिक खतरा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा कि इस सर्वेक्षण के नतीजे इस बात की पुष्टि करते हैं कि हम कई हफ्तों से देशों से क्या सुन रहे हैं। बहुत से लोग जिन्हें कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों के इलाज की आवश्यकता है। कोविद -19 महामारी शुरू होने के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं की आवश्यकता नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 के दौरान भी आवश्यक सेवाएं जारी रहें।