Bilawal Bhutto Zardari In China पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी चीन दौरे पर, फिर उठाया कश्मीर मुद्दा
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को चीन के गुआनझोउ शहर में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। बिलावल ने सभी लंबित मुद्दों का हवाला देते हुए चीन को जम्मू एवं कश्मीर में हाल के घटनाक्रम से अवगत कराया।
बीजिंग, प्रेट्र। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को चीन के गुआनझोउ शहर में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। बिलावल ने सभी लंबित मुद्दों का हवाला देते हुए चीन को जम्मू एवं कश्मीर में हाल के घटनाक्रम से अवगत कराया। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का भी जिक्र किया होगा।
दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि महामारी, बेतहाशा महंगाई के कारण लोगों को कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। इसे देखते हुए दक्षिण एशिया में सभी लंबित विवादों का समाधान जरूरी है। पिछले महीने इमरान खान सरकार के पतन के बाद गठित शहबाज सरकार में विदेश मंत्री बनने के बाद बिलावल पहले चीन दौरे पर हैं। दोनों पक्षों ने दोहराया कि शांतिपूर्ण एवं समृद्ध दक्षिण एशिया सभी पक्षों के हित में है।
बैठक के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के 'मूल हितों' के प्रति अपने मजबूत समर्थन की पुष्टि करते हुए दोहराया कि एक शांतिपूर्ण और समृद्ध दक्षिण एशिया सभी पक्षों के साझा हित में है।
चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ के बीच पिछले सोमवार को पहली बातचीत हुई थी। इसमें पाकिस्तान में कार्यरत चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने और 60 अरब डालर (467048 रुपये से अधिक) की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया गया।
पाक छोड़ रहे चीनी नागरिक
पिछले महीने कराची विश्वविद्यालय में आत्मघाती बम हमले के बाद से सीपीईसी परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान में तैनात बड़ी संख्या में चीनी कामगारों ने देश छोड़ना शुरू कर दिया है। हमले में चीनी भाषा के तीन शिक्षक मारे गए थे और एक अन्य घायल हो गया था।
हमलों में कई चीनी कर्मियों की मौत
पाकिस्तानी अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने बताया है कि शरीफ ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में ली को पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों के लिए 'सुरक्षा बढ़ाने' का आश्वासन दिया। पिछले कुछ वर्षों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे कट्टरपंथी समूहों और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे संगठन के हमलों में कई चीनी कर्मियों की मौत हो गई।