पाकिस्तान की बर्बरता से आजादी के लिए बलोच और सिंधी साथ आए, सीपीईसी के खिलाफ मोर्चा खोला
संगठन के प्रवक्ता बलोच खान ने कहा है कि नया संगठन सीपीईसी के विरोध के साथ बलूचिस्तान और सिंध की पाकिस्तान की आजादी के लिए भी कार्य करेगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान और चीन की दोस्ती की मुश्किलें पाकिस्तान में ही बढ़ती जा रही हैं। चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) के चलते मुश्किलें झेल रहे बलूचिस्तान के लोगों ने अब अपने मकसद के लिए सिंध प्रांत के राष्ट्रवादियों से हाथ मिला लिया है। सरकार में पंजाबी मुस्लिमों के बोलबाले से बलोच और सिंधी शुरू से खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। अब दोनों प्रांतों के राष्ट्रवादियों ने मिलकर पाकिस्तान से अलग होने की लड़ाई छेड़ने का फैसला किया है।
सीपीईसी के खिलाफ संघर्ष से होगी शुरुआत
पाकिस्तान के गठन के समय से ही बलोच उसके साथ रहने के खिलाफ हैं। बाद में बलोचों के शांतिपूर्ण आंदोलनों को बर्बरता से कुचले जाने से उनमें गुस्सा बढ़ गया। इसी के बाद बलोच लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलोच रिपब्लिकन आर्मी और बलोच रिपब्लिकन गार्ड्स जैसे संगठन खड़े हुए और उन्होंने अत्याचार के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया।
अब इन संगठनों ने सिंधुदेश रिवोल्यूशनरी आर्मी के साथ मिलकर बलोच रजी अजोय संगर बनाने का एलान किया है। इस नए संगठन का उद्देश्य साथ मिलकर सीपीईसी का विरोध करना होगा। इस संगठन के कार्यकर्ता उन सभी जगहों पर जाएंगे, जहां पर सीपीईसी के कार्य चल रहे होंगे, वहां पर ये कार्यकर्ता कार्यो को रोकेंगे। सीपीईसी पर चीन चार लाख रुपये खर्च कर रहा है।
अपने साझा मकसद के लिए क्यों न साथ मिलकर लड़ें
संगठन के प्रवक्ता बलोच खान ने कहा है कि नया संगठन सीपीईसी के विरोध के साथ बलूचिस्तान और सिंध की पाकिस्तान की आजादी के लिए भी कार्य करेगा। उन्होंने कहा, दोनों प्रांतों के लोग हजारों साल से अपनी जमीन 9पर रह रहे हैं। उनके बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, फिर हम अपने साझा मकसद के लिए क्यों न साथ मिलकर लड़ें। सीपीईसी बलूचिस्तान, सिंध और गिलगित-बाल्टिस्तान के संसाधनों का फायदा उठाकर केवल पंजाब प्रांत को सुविधा संपन्न बनाने और चीन को लाभान्वित करने की साजिश है, जिसे सफल नहीं होने देना है।
सिंध को उपनिवेश बनाना चाहती पाक सेना :अल्ताफ
लंदन, एएनआइ। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना पूरे सिंध पर कब्जा कर उसे सैन्य उपनिवेश बनाने का मंसूबा पाले हुए है। वे सिंध रेंजर्स के उस बयान की भर्त्सना कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रविरोधी तत्व छिपकर हमले कर रहे हैं।सिंध के डीजी रेंजर्स उमर अहमद बोखर के नाम खुले पत्र में अल्ताफ ने याद दिलाया कि सिंध के नागरिकों और एमक्यूएम नेताओं पर पाकिस्तानी सेना किस तरह जुल्म ढाती रही है।
जैसे कि 1992 में 19 जून की रात एमक्यूएम के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन शुरू किया गया। इसी रात नरसंहार शुरू हुआ और एमक्यूएम कार्यकर्ताओं को अमानवीय यातनाएं दी गईं। कइयों को तो मौत के घाट उतार दिया गया। हमारी मां-बहनों को भी सताया गया। क्या तब सैन्य ऑपरेशन से पहले यह घोषणा की गई थी कि वे अमानवीय बर्ताव करने वाले हैं और बुनियादी मानव अधिकारों की भी धज्जियां उड़ा देंगे। अल्ताफ का यह पत्र रेंजर्स प्रवक्ता के बयान की प्रतिक्रिया में आया है।