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पाकिस्तान में इस्लामिक समूह ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पर विरोध प्रदर्शन किया बंद

पाकिस्तान में एक इस्लामिक समूह तहरीक-ए-लबाइक पार्टी ने सरकार से बातचीत के बाद पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पर विरोध प्रदर्शन को बंद कर दिया है। इससे पहले सोमवार को फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के विरोध प्रदर्शन के बाद इसके कार्यकर्ता पाकिस्तान की सड़कों पर उतरे थे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 01:38 PM (IST)
पाकिस्तान में इस्लामिक समूह ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पर विरोध प्रदर्शन किया बंद
पाकिस्तान में इस्लामिक समूह ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून पर विरोध बंद किया।

इस्लामाबाद, रायटर। पाकिस्तान में एक इस्लामिक समूह ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया है। समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक इस्लामी समूह ने मंगलवार को पैगंबर मोहम्मद के कार्टून पर हिंसक विरोध प्रदर्शन को कहा कि पाकिस्तानी सरकार ने फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार किया है। फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के हालिया विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार को पाकिस्तान की राजधानी में मुख्य सड़क पर हजारों इस्लामवादी पुलिस के साथ भिड़ गए।

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तहरीक-ए-लबाइक पार्टी के प्रवक्ता एजाज अशरफी ने फोन पर रॉयटर्स को बताया सरकार द्वारा एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद हम अपने विरोध प्रदर्शन को बंद कर रहे हैं। यह आधिकारिक तौर पर फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करेगा।

पाकिस्तान में पैंगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के खिलाफ फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में तहरीक-ए-लब्बैक(TLP) के हजारों समर्थन रावलपिंडी की सड़कों पर उतर आए। उनका विरोध प्रदर्शन इस मुद्दे पर था कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के अधिकार का बचाव किया था। तहरीक-ए-लब्बैक(TLP) के खादिम हुसैन रिज़वी ने फ्रांस में हुई ईशनिंदा का विरोध करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किया था। इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे थे। 15 नवंबर, 2020 को शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन सोमवार 17 नवंबर को जारी रहा। रावलपिंडी में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कई नारे लगाए गए थे। 

सोमवार को रावलपिंडी में प्रदर्शनकारियों और पुलिस वालों के बीच टकराव भी हो गया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस विरोध प्रदर्शन के दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस दौरान तहरीक-ए-लब्बैक(TLP) से संबंधित दर्जनों प्रदर्शनकारी इस विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए थे, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

तहरीक-ए-लब्बैक(TLP) पार्टी ने इस कार्रवाई को पैगंबर मोहम्मद के चाहने वालों पर पूरे इतिहास का सबसे घटिया और भीषण अत्याचार बताया है। तहरीक-ए-लब्बैक(TLP)  ने इस तरह के तमाम वीडियो जारी किए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। 


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