सिंथिया दुष्कर्म प्रकरण में घसीटा गया इमरान का नाम, टीवी सितारे का सनसनीखेज खुलासा
प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम भी सिंथिया से जोड़ा जा रहा है। बेगम नवाजिश के नाम से मशहूर अली सलीम ने इस बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है...
इस्लामाबाद, आइएएनएस। अमेरिकी ब्लॉगर सिंथिया डी रिची द्वारा पाकिस्तान के पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक पर दुष्कर्म के आरोप के मामले ने तूल पकड़ लिया है। यही नहीं चौंकाने वाली बात यह है कि अब प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम भी सिंथिया से जोड़ा जा रहा है। पाकिस्तान के एक टीवी सितारे का दावा है कि सिंथिया ने उनसे एक बार कहा था कि इमरान उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहते थे। बेगम नवाजिश के नाम से मशहूर अली सलीम ने बताया कि सिंथिया कभी उनकी बहुत करीबी थीं। बकौल सलीम एक समय दोनों कथित तौर पर एक कमरे में रुक भी चुके हैं।
सलीम ने कहा कि सिंथिया ने मुझसे कभी नहीं बताया कि रहमान मलिक ने उसके साथ दुष्कर्म किया लेकिन यह जरूर बताया था कि इमरान खान उसके साथ हमबिस्तर होना चाहते थे। बता दें कि सिंथिया ने शुक्रवार को फेसबुक लाइव पर रहमान मलिक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के साथ पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी समेत दो लोगों पर बदनीयती से हमला करने का आरोप भी लगाया था। रिपोर्टों के मुताबिक, सिंथिया डी रिची ने शुक्रवार को जैसे ही अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो क्लिप पोस्ट कर यह आरोप लगाया... कुछ ही देर में यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
सिंथिया ने आरोप लगाया कि साल 2011 में पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने उसका दुष्कर्म किया था। सिंथिया ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मखदूम शहाबुद्दीन ने उस दौरान उससे शारीरिक दुर्व्यवहार किया जब गिलानी इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में रह रहे थे। इससे पहले सिंथिया ने 28 मई को एक ट्वीट में दिवंगत पार्टी नेता बेनजीर भुट्टो पर एक टिप्पणी की थी जिसको पीपीपी ने मानहानिकारक बताते हुए उन पर संघीय जांच एजेंसी में केस दर्ज कराया था।
सिंथिया का कहना है कि उसने इस घटना के बारे में साल 2011 में पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास में किसी को बताया था लेकिन प्रतिकूल स्थितियां और अमेरिका पाकिस्तान के बीच जटिल संबंधों चलते इसमें कुछ नहीं हो पाया था। वहीं गिलानी ने आरोप लगाया कि वह राजनेताओं की छवि धूमिल करने के लिए पाकिस्तान आई थीं। बता दें कि पीपीपी साल 2008 से 2013 तक सत्ता में थी और गिलानी जून 2012 तक प्रधानमंत्री थे। अदालत का आदेश नहीं मानने पर गिलानी को सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटा दिया था।