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नवाज के बाद अब आसिफ अली जरदारी ने मेडिकल ग्राउंड पर मांगी हाइकोर्ट से जमानत

नवाज शरीफ के बाद अब आसिफ अली जरदारी ने भी मेडिकल ग्राउंड पर हाइकोर्ट से जमानत मांगी है। जिससे वो अपना इलाज करवा सकें।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 04:01 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 04:01 PM (IST)
नवाज के बाद अब आसिफ अली जरदारी ने मेडिकल ग्राउंड पर मांगी हाइकोर्ट से जमानत
नवाज के बाद अब आसिफ अली जरदारी ने मेडिकल ग्राउंड पर मांगी हाइकोर्ट से जमानत

नई दिल्ली, स्पेशल डेस्क। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अब चिकित्सा आधार पर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मांगी है। इससे पहले नवाज शरीफ चिकित्सा आधार पर जमानत लेकर लंदन में अपना इलाज करवा रहे हैं। मालूम हो कि जरदारी पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है, इसके अलावा उनके ऊपर और भी केस दर्ज हैं जिन पर सुनवाई हो रही है। इसी वजह से वो जेल में नजरबंद हैं। उनकी बहन फरयाल तालपुर ने भी जमानत मांगी है।

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तीन स्टेंट पड़ें है शुगर लेवल मेंटेन रखना होगा 

उन्होंने कहा कि वह दिल की बीमारी से पीड़ित हैं और उनके शरीर में तीन स्टेंट हैं। उन्होंने कहा कि वह मधुमेह से भी ग्रस्त हैं जिसका मतलब है कि उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल की लगातार निगरानी करनी होगी। पीपीपी के सह-अध्यक्ष की मेडिकल रिपोर्ट भी आईएचसी को आवेदन के साथ प्रस्तुत की गई ताकि जमानत दी जा सके। इस बीच, फरयाल तालपुर ने भी आईएचसी से जमानत मांगी। उन्होंने कहा कि वह एक अलग बच्चे की माँ है। अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए उनको जमानत की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केस का ट्रायल पूरा होने तक उनको जमानत दी जाए। 

फर्जी बैंक खातों से 3.77 अरब रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप 

10 जून को फर्जी बैंक खातों के मामले में IHC द्वारा अपनी पूर्व-गिरफ्तारी की जमानत रद्द करने के बाद एनएआर द्वारा जरदारी को गिरफ्तार किया गया था। जरदारी, तालपुर और अन्य आरोपियों पर फर्जी बैंक खातों के माध्यम से भ्रष्टाचार का आरोप है। इसके अलावा पार्क लेन प्राइवेट लिमिटेड और पार्थेनन (प्राइवेट) लिमिटेड के लिए वित्तीय सुविधा में गबन है। एनएबी ने आरोप लगाया कि अनियमितताओं के कारण राष्ट्रीय खजाने को 3.77 अरब रुपये का नुकसान हुआ। जरदारी को मेडिकल बोर्ड के अक्टूबर में पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) में स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि वह हृदय संबंधी समस्या, मधुमेह और अन्य बीमारियों से पीड़ित थे और उन्हें चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता थी। इसको ध्यान में रखते हुए जरदारी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

परिवार की जिद पर जमानत याचिका 

एक दिन पहले, पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बताया कि उनके बीमार पिता ने "अपने परिवार के सदस्यों के आग्रह" पर चिकित्सा आधार पर जमानत याचिका दायर करने पर सहमति व्यक्त की थी। अपनी बहनों बख्तावर और एसेफा के साथ, पीपीपी अध्यक्ष ने अपने पिता के बिगड़ते स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की और कहा कि डॉक्टरों ने नाकाबंदी का पता लगाने के लिए एक "हृदय प्रक्रिया" का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा, "दो प्रक्रियाएं हैं और हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाए और जरदारी को इलाज मिले।"

चिकित्सा आधार पर जमानत 

(पूर्व) राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि हमें जमानत याचिका दायर करने से रोक दिया था, जो मेरी बहनों और पूरे परिवार के लिए एक मुश्किल स्थिति थी। अब उसने असीफा के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और पीपीपी इसे अंतिम रूप देने के बाद चिकित्सा आधार पर जमानत के लिए आवेदन करेगा। उन्होंने कहा कि पिम्स के डॉक्टरों को सक्षम होना चाहिए लेकिन उन्हें और उनके परिवार को उन पर भरोसा नहीं था। इस बारे में जब उनको दूसरी राय मिली तो उनको संतुष्टि हो पाई।


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