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फ्रांस में ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन, 280 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

फ्रांस में येलो वेस्ट आंदोलन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प। 280 लोग गिरफ्तार, 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल। ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ लोग।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 02:12 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 02:12 PM (IST)
फ्रांस में ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन, 280 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

पेरिस, एजेंसी। 'येलो वेस्ट' आंदोलन के तहत फ्रांस में पुलिस और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच मध्य पेरिस सहित कई इलाकों में जमकर झड़प हुई। उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। प्रदर्शनकारियों द्वारा दंगारोधी पुलिस पर पथराव करने से हालात और भी बिगड़ गए। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस मामले में पुलिस अबतक 280 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। बता दें कि उग्र प्रदर्शन के दौरान 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए हैं। 

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बता दें कि विरोध प्रदर्शन के तीसरे सप्ताह में शनिवार को प्रदर्शनकारी पहले आर्क डे ट्रायम्फे में इकट्ठा हुए। हालांकि चैंपस-एलिसियों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी गई थी। जांच और आईडी जांचने के बाद कई लोगों (प्रदर्शनकारियों) को आगे जाने दिया गया। बवाल तब शुरू हुआ, जब इनके पीछे गैस मास्क और बर्फ पर फिसलने के दौरान पहने जाने वाले चश्मे पहने हुए प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ने लगे।

हालात बिगड़ते देख पुलिस ने आसूं गैस के गोले छोड़े। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। पेरिस के कई हिस्सों से काला धुआं उठता देखा गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन हम बिखर गए। हमारा कोई नेता नहीं था, इसलिए ऐसा हुआ।

क्या है येलो वेस्ट आंदोलन?
बता दें कि फ्रांस में ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर आम लोगों में बहुत गुस्सा है। इसके लिए ये लोग सीधेतौर पर राष्ट्रपति मैंक्रो को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसी के विरोध में अक्टूबर में सोशल मीडिया पर 'येलो वेस्ट' आंदोलन की शुरुआत हुई। चूंकि ये प्रदर्शनकारी पीली जैकेट पहनकर आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इन्हें 'येलो वेस्ट' नाम दिया गया है।

पूरे देश में हो रहे इन आंदोलनों में अधिकतर पेंशनर्स सहित छोटे शहरों और गांवों के लोग शामिल हैं। ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सबसे पहला विरोध प्रदर्शन 17 नवंबर को हुआ था, जिसमें करीब पौने तीन लाख लोग शामिल हुए थे। एक नवंबर को प्रदर्शन का तीसरा सप्ताह था।


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