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तीन सबसे अधिक गर्म वर्ष में शामिल हुआ वर्ष 2020, यूएन महासचिव ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुमानित आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2020 तीन सबसे अधिक गर्म वर्ष में से एक रहा है। इसको लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव ने चिंता जताई है और दुनिया से इस बारे में कारगर उपाय करने को कहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 04:55 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 04:55 PM (IST)
तीन सबसे अधिक गर्म वर्ष में शामिल हुआ वर्ष 2020, यूएन महासचिव ने जताई चिंता
तीन सबसे अधिक गर्म वर्षों में से एक था 2020

जिनेवा (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। वर्ष 2020 को केवल कोविड-19 महामारी के लिए ही याद नहीं किया जाएगा बल्कि इसलिए भी याद किया जाएगा क्‍योंकि ये अब तक के तीन सबसे गर्म सालों में से एक रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक अब तक जो अनुमानित आंकड़े हासिल हुए हैं उनके मुताबिक बीता वर्ष 2016 से भी अधिक गर्म रहने के करीब था। संयुक्‍त राष्‍ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने इस बारे में कहा है कि विश्‍व मौसम विज्ञान संगठन के ये आंकड़े क्‍लाइमेट चेंज की तेजी की तरफ हमें सचेत कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि इसमें बदलाव को धरती पर जीवन और आजीविकाओं के लिए एक खतरे की तरह देखा जाना चाहिए।

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गुटारेस के मुताबिक कल-कारखानों की वजह से पूरी दुनिया के तापमान में जो 1.2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी हुई है उसके ही दुष्‍परिणाम सामने आने शुरू हो गए है। इसका प्रभाव दुनिया के सभी महाद्वीपों पर साफतौर से देखा जा सकता है। वहीं सदी की बात करें तो हमारी कारगुजारियों की बदौलत ये करीब 3 से लेकर 5 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है। इस तरह से हम विनाश की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। उन्‍होंने पूरी दुनिया से कहा कि इसको रोकना हम सभी के लिए पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

वहीं यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी के महानिदेशक पेटेरी टालस का कहना है कि अल निनिया के बावजूद ने 2020 में अभूतपूर्व गर्मी देखने को मिली है। ये बेहद चिंताजनक बात है कि 2020 में तापमान कमोबेश 2016 के ही स्‍तर के आसपास रहा हे। उस वक्‍त अल निनियो का प्रभाव था। ये स्‍पष्‍टतौर पर इस बात का इशारा है कि हमें जल्‍द से जल्‍द संभल जाना चाहिए। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा है कि मौजूदा वर्ष पर इसका क्‍या प्रभाव रहेगा इस बारे में अभी कुछ स्‍पष्‍ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है।

मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक साइबेरिया में गर्मी का बढ़ना, दुनिया के कई जंगलों में लगी भीषण आग, आर्कटिक में समुद्री बर्फ की चट्टानों का निरंतर टूटना और अटलांटिक में आए जबरदस्‍त चक्रवाती तूफान बीते वर्ष की अहम घटनाओं में शामिल हैं। इसके अलावा समुद्री तापमान और समुद्री जलस्तर का बढ़ना, हिम आच्छादिता और अन्य चरम मौसम की घटनाओं के अलावा ग्रीनहाउस गैस सघनता भी इसके पीछे एक महत्‍वूपर्ण कारण रही हैं। एजेंसी इससे संबंधित एक अन्‍य रिपोर्ट को मार्च में जारी करेगी।  


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