विश्व आर्थिक मंच की 50वीं सालाना बैठक: सामाजिक बदलाव सूचकांक में भारत 76वें पायदान पर
भारत को जिन क्षेत्र में बहुत सुधार करने की जरूरत है उनमें सामाजिक सुरक्षा (76वें) और उचित वेतन वितरण (79वें) शामिल हैं।
दावोस, प्रेट्र। सामाजिक बदलाव के मामले में 82 देशों की सूची में भारत का 76वां स्थान रहा है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ओर से तैयार इस सूचकांक में डेनमार्क पहले स्थान पर है। यह रिपोर्ट विश्व आर्थिक मंच की 50वीं सालाना बैठक से पहले जारी की गई है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था 2030 तक करीब पांच फीसद बढ़ सकती है
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि सामाजिक बदलाव में 10 फीसद वृद्धि से सामाजिक एकता को लाभ होगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था 2030 तक करीब पांच फीसद बढ़ सकती है। लेकिन, कुछ अर्थव्यवस्थाओं में ही सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सही परिस्थितियां हैं।
रैंकिंग के लिए देशों को पांच कसौटियां पर परखा गया
रैंकिंग के लिए देशों को पांच कसौटियां पर परखा गया है, जिसके 10 आधार स्तंभ शामिल हैं। ये कसौटियां स्वास्थ्य, शिक्षा (पहुंच, गुणवत्ता एवं समानता), प्रौद्योगिकी, कामकाज (अवसर, वेतन, काम करने की स्थिति) और संरक्षण एवं संस्थान (सामाजिक संरक्षण तथा समावेशी संस्थान) हैं। यह दर्शाता है कि उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा और आजीवन शिक्षा का सामाजिक बदलाव में सबसे बड़ा योगदान है।
आजीवन शिक्षा के मामले में भारत 41वें पायदान पर है
आजीवन शिक्षा के मामले में भारत 41वें और कामकाज की परिस्थिति के स्तर पर 53वें पायदान पर है। भारत को जिन क्षेत्र में बहुत सुधार करने की जरूरत है, उनमें सामाजिक सुरक्षा (76वें) और उचित वेतन वितरण (79वें) शामिल हैं। रिपोर्ट में शीर्ष पांच देशों में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और आइसलैंड हैं।
हसीना के काफिले पर हमले में पांच पूर्व पुलिस अफसरों को मौत की सजा
बांग्लादेश की एक अदालत ने वर्ष 1998 में विपक्ष की तत्कालीन नेता शेख हसीना के काफिले पर गोली चलाने वाले पांच पूर्व पुलिस अधिकारियों को सोमवार को मौत की सजा सुनाई है। सरकार विरोधी रैली के दौरान की गई इस गोलीबारी में हसीना के 24 समर्थक मारे गए थे।
जज ने कहा- मौत होने तक आरोपितों को फांसी पर लटकाया जाए
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के चटगांव शहर की एक अदालत ने बचाव पक्ष की दलील पूरी होने के बाद फैसला सुनाया। मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के काफिले पर हमले के सिलसिले में अदालत ने 53 गवाहों के बयान दर्ज किए। चटगांव जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुहम्मद इस्माइल हुसैन ने भरी अदालत में पांच में से चार आरोपितों की मौजूदगी में फैसला सुनाते हुए कहा, 'मौत होने तक इन्हें फांसी पर लटकाया जाए।'