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वैक्सीन योजना पर WHO की वैश्विक पहल, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रोन और जर्मन चांसलर मर्केल करेंगे मदद

संगठन ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर कोरोना के खिलाफ दवाओं के परीक्षणों व टीकों पर काम में तेजी लाने और उन्‍हेंं दुनियाभर में साझा करने के लिए वैश्विक पहल करेंगे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 06:30 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 06:30 PM (IST)
वैक्सीन योजना पर WHO की वैश्विक पहल, फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रोन और जर्मन चांसलर मर्केल करेंगे मदद

जिनेवा, एजेंसी। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल कोरोना वायरस के खिलाफ दवाओं के परीक्षणों और टीकों पर काम में तेजी लाने और उन्‍हे दुनियाभर में साझा करने के लिए वैश्विक पहल शुरू करने में मदद करेंगे। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस को रोकने, निदान और इलाज के लिए सुरक्षित एवं प्रभावी दवाओं, परीक्षणों और टीकों के विकास को गति देने के लिए ऐतिहासिक सहयोग की घोषणा करेगा।

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डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता फडेला चैब ने शुक्रवार को एक संयुक्‍त राष्‍ट्र की एक ब्रीफिंग में बताया कि मैक्रोन और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर इस घोषणा में भाग लेंगे, जिसका नेतृत्व डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेरोस एडनॉम घेबायियस करेंगे। कूटनीतिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक रैब और संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भी हिस्सा लेना है। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता फडेला चैब ने कहा कि आज सभी भागीदार एक तरह से राजनीतिक प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने क‍हा सभी इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई इन शर्तों से कोई पीछे नहीं हटेगा।

GAVI वैक्सीन गठबंधन के सीईओ डॉ सेठ बर्कले ने कहा कि 100 से अधिक संभावित COVID-19 टीके विकसित किए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि छह टीके क्‍लीनीक ट्रायल पर हैं। GAVI एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी, जो गरीब देशों में टीकाकरण अभियान का नेतृत्व करती है।  उन्होंने औपचारिक डब्ल्यूएचओ की घोषणा में भाग लेने से पहले एक अलग जिनेवा समाचार ब्रीफिंग में बताया कि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि सभी के लिए पर्याप्त टीके हैं। उन्‍होंने कहा कि  हमें वैक्सीन उम्मीदवारों को पहचानने और प्राथमिकता देने के लिए वैश्विक नेतृत्व की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि हम 2009 में  H1N1 वैक्सीन की घटना का दोहराव नहीं कर सकते, जब विकासशील देशों के लिए पर्याप्त आपूर्ति नहीं थी या जब आपूर्ति आई तो बहुत बाद में आई।  


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