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डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय आवागमन को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोका जा सकता

संक्रमण तेज होने पर कुछ देशों ने यात्राओं पर फिर से रोक लगानी शुरू कर दी है। ब्रिटेन ने यूरोप से आने वाले लोगों के लिए निश्चित अवधि की क्वारंटाइन प्रक्रिया अनिवार्य कर दी है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 07:41 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 07:41 PM (IST)
डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय आवागमन को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोका जा सकता
डब्ल्यूएचओ ने कहा, कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय आवागमन को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोका जा सकता

जिनेवा, रायटर। अंतरराष्ट्रीय आवागमन को अनिश्चितकाल के लिए नहीं रोका जा सकता। इसलिए सरकारों को चाहिए कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अपनी सीमा के भीतर अन्य वैकल्पिक उपाय तलाशें। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कही है।

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वायरस का संक्रमण तेज होने पर कुछ देशों ने यात्राओं पर फिर से रोक लगानी शुरू कर दी है। ब्रिटेन ने यूरोप से आने वाले लोगों के लिए निश्चित अवधि की क्वारंटाइन प्रक्रिया अनिवार्य कर दी है। इस पर यूरोप के पर्यटन उद्योग ने चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ ने इसी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

मास्क, शारीरिक दूरी और खान-पान में सतर्कता से हारेगा वायरस

संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अढानम गेब्रेसस ने कहा है कि फेस मास्क पहनकर, आपस में दूरी बनाकर और खान-पान के तरीके में सुधार लाकर ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। जहां भी इस सबका पालन किया गया, वहां संक्रमण कम हुआ और मरीज स्वस्थ भी स्वस्थ होने लगे। जहां इन सबका पालन नहीं हुआ, वहां संक्रमण बढ़ता गया। टेड्रोस ने कनाडा, चीन जर्मनी और दक्षिण कोरिया के महामारी को नियंत्रित करने वाले प्रयासों की सराहना की। महानिदेशक ने कोविड-19 को बीते सौ साल की सबसे घातक महामारी करार दिया। कहा, सतर्कता नहीं बरती गई तो 16 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा सकती है।

स्पेन में स्थिति अब नियंत्रण में

संगठन के आपात कार्यक्रमों के प्रमुख माइक रेयान ने कहा, देश लंबे समय तक अपनी सीमाएं बंद करके रखें, यह असंभव है। किसी एक देश के लिए भी यह संभव नहीं है। अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने के लिए आवागमन शुरू करना होगा। लोगों को काम करना होगा, व्यापार शुरू करने होंगे। इस सबके साथ वायरस से निपटने के तरीके भी हमें अमल में लाने होंगे। इससे हमारी ताकत बढ़ेगी और वायरस का संक्रमण कम होगा। स्पेन का उदाहरण देते हुए रेयान ने कहा, संक्रमण के चलते एक समय वहां स्थिति बदतर थी। लेकिन अब स्थिति नियंत्रित है और हालात सुधर रहे हैं। जैसे-जैसे हम बीमारी को समझते जाएंगे, वैसे-वैसे इस बीमारी का असर कम होता जाएगा। कुछ हफ्तों बाद शायद कोविड-19 भी अन्य बीमारियों जैसी ही हो जाएगी।


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