WHO कार्यालय में भी कोरोना वायरस की सेंध, अब तक 65 कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव
WHO कार्यालय ने इस बात का खुलासा किया है महामारी की शुरुआत से अब तक 65 कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। संगठन का कहना है कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि कोरोना वायरस का यह प्रसार परिसर से हुई है।
जिनेवा, एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात का खुलासा किया है कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक 65 कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है। डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा किया है। संगठन का कहना है कि महामारी की शुरुआत के बाद जिनेवा स्थित डब्ल्यूएचओ कार्यालय में तैनात 65 कर्मचारी घर और ऑनसाइट काम कर रहे हैं। संगठन का कहना है कि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि कोरोना वायरस का यह प्रसार डब्ल्यूएचओ परिसर से हुई है। इसकी पड़ताल की जा रही है। इस ट्वीट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ कार्यालय में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद यहां तैनात लोगों की चिकित्सा का खास ख्याल रखा जा रहा है। कार्यालय परिसर की सफाई के साथ कोरोना प्रोटोकॉल का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
आंतरिक ई-मेल से हुआ कोरोना संक्रमण का खुलासा
एसोसिएटेड प्रेस द्वारा प्राप्त किए गए एक आंतरिक ई-मेल से डब्ल्यूएचओ परिसर में कोरोना संक्रमण का खुलासा हुआ है, जबकि विश्व स्वास्थ्य एजेंसी कहती रही है कि उसके जिनेवा स्थित कार्यालय में वायरस का कोई प्रसार नहीं है। मेल में यह कहा गया है कि संक्रमण की जद में आए आधे से ज्यादा कर्मचारी ऐसे हैं जो घर से काम कर रहे हैं। इनमें से डब्ल्यूएचओ के 32 कर्मचारी ऐसे हैं जो मुख्यालय भवन परिसर में काम करते हैं। इससे यह संकते मिलता है कि विश्व स्वास्थ्य निकाय में महामारी को रोकने संबंधी पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए।
डब्ल्यूएचओ के डायेरक्टर पर लगा पक्षपात का आरोप
कोरोना वायरस की शुरुआत पिछले साल चीन के वुहान शहर में हुई थी। चीन पर शुरुआती दिनों में इस वायरस के संक्रमण से संबंधिकत जानकारी छिपाने का आरोप लगा है। वायरस के प्रसार को लेकर डब्ल्यूएचओ और उसके डायेरक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस पर भी पक्षपात का आरोप लगा। डब्ल्यूएचओ की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर भारत समेत दुनिया के 62 देशों ने मसौदा तैयार किया था। यह ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन का संयुक्त अभियान था।