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कोरोना वायरस ने दुनिया की सुरक्षा प्रणाली की खोली पोल, WHO ने वर्ष 2030 को लेकर जताई चिंता

डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि सुदृढ़ स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के जरिए ही कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 10:11 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 05:25 PM (IST)
कोरोना वायरस ने दुनिया की सुरक्षा प्रणाली की खोली पोल, WHO ने वर्ष 2030 को लेकर जताई चिंता
कोरोना वायरस ने दुनिया की सुरक्षा प्रणाली की खोली पोल, WHO ने वर्ष 2030 को लेकर जताई चिंता

जिनेवा, एजेंसी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि सुदृढ़ स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के जरिए ही कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने दुनियाभर के देशों की स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली की कलई खोल कर रख दी है। टेड्रोस ने आगाह करते हुए कहा 2030 तक विश्‍व की आबादी पांच अरब के करीब होगी, ऐसे में सबको स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा मुहैया करना दुनिया के समक्ष एक बड़ी चुनौती होगी। डब्लूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि देशों के समक्ष स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं,अस्‍पताल एवं आवश्‍यक दवाएं की उपलब्‍धता एक बड़ी समस्‍या होगी। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍स सेवाओं का यह अंतराल न केवल व्‍यक्तियों, परिवार और समुदाय को कमजोर करते हैं, बल्कि इसका असर देश के आर्थिक विकास पर पड़ता है।

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इलाज से बेहतर रोगों का रोकथाम

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने जोर दिया कि सबसे अच्छा निवेश स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर पर बीमारी को रोकने में है। उन्‍होंने कहा कि इलाज से बेहतर रोगों का रोकथाम है। यह इलाज की अपेक्षा सस्‍ता भी है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि दुनिया में प्रत्‍येक वर्ष 7.5 ट्रिलियन डॉलर के आसपास खर्च होता है। यह राशि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 फीसद है।

कोरोना वायरस और डब्ल्यूएचओ

31 दिसंबर, 2019 को चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप की घोषणा की थी। ठीक इसके एक  महीने बाद ही यानी 30 जनवरी, 2020 को चीन ने देश में जन स्वास्थ्य आपातकाल लागू कर दिया। 14 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया कि चीन की शुरुआती जांच में इस बात के संकेत नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है। इसके बाद संगठन पर आरोप लगा कि वह आंख मूंदकर चीन की बातों पर भरोसा कर रहा है। 22 जनवरी को एक ट्वीट में डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वुहान में कोरोना वायरस के इंसानों से इंसानों में फैलने के मामले सामने आए हैं। इससे पहले उसने इससे इनकार किया था। 30 जनवरी की रात डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया। 11 मार्च को चीन द्वारा वायरस की सूचना दिए जाने के 72 दिन बाद डब्ल्यूएचओ ने महामारी घोषित किया। तब तक 114 देशों के 1.18 लाख लोग संक्रमित हो चुके थे। इस कारण अमेरिका उसकी भूमिका पर सवाल उठा रहा है। 

दुनिया से एकजुट होने का आह्वान 

ट्रेडोस ने पूरी दुनिया से एकजुट होकर कोरोना महामारी को पराजित करने का आह्वान किया है। उन्होंने जोर दिया कि एकता ही कोरोना वायरस का रामबाण है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है। साथ ही दुनिया द्वारा एक समान भविष्य रचने का अच्छा मौका भी है। उन्होंने यूरोपीय आयोग द्वारा आयोजित कोरोना वायरस वैश्विक प्रतिक्रिया के अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन में 7.4 अरब यूरो का चंदा इकट्ठा करने की सराहना की। 


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