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गजब! नॉर्थ कोरिया कहलाता है 'जोगियों का देश' और किम जोग उन हैं इसके प्रमुख

क्‍या आप ये जानते हैं कि दुनिया के मानचित्र पर ऐसा कौन सा देश है जिसको जोगियों का देश या Hermit Kingdom कहते हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 11:26 PM (IST)
गजब! नॉर्थ कोरिया कहलाता है 'जोगियों का देश' और किम जोग उन हैं इसके प्रमुख
गजब! नॉर्थ कोरिया कहलाता है 'जोगियों का देश' और किम जोग उन हैं इसके प्रमुख

नई दिल्‍ली [स्‍पेशल डेस्‍क]। दुनिया में छोटे बड़े करीब 240 देश हैं। वहीं अमेरिका के मुताबिक इनकी संख्‍या करीब 196 हैं जिनमें से 193 देश संयुक्‍त राष्‍ट्र के सदस्‍य हैं। इसके अलावा सात महाद्वीप हैं। इस बारे में लगभग हर किसी को जानकारी है। आप शायद ये भी जानते होंगे कि दुनिया के कुछ देशों को विभिन्‍न नामों से भी जाना जाता है। इनमें से भारत भी एक है। लेकिन क्‍या आप ये जानते हैं कि दुनिया के मानचित्र पर ऐसा कौन सा देश है जिसको जोगियों का देश या हरमिट किंगडम कहते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये देश भारत नहीं है। चलिए आपको एक और हिंट दे देते हैं कि यहां के प्रमख को तानाशाह के तौर पर जाना जाता है और हाल ही में उनका नाम सुर्खियों में रहा है।

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नहीं मिला जवाब तो हम बताते हैं
अब भी यदि आपको इस सवाल का जवाब नहीं मिला है तो अब आपको हम ही बता देते हैं कि इस देश का नाम कोई और नहीं बल्कि उत्तर कोरिया है। आपको जानकर ताज्‍जुब जरूर होगा लेकिन ये सच है। उत्तर कोरिया कुछ समय पहले तक उत्तर कोरिया दुनिया के चंद अलग-थलग देशों में शुमार किया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। सिंगापुर की ऐतिहासिक वार्ता के बाद अब दुनिया का दृष्टिकोण इसके और इसके प्रमुख किम जोंग उन के प्रति बदल रहा है। कोरियाई युद्ध के बाद से ही अमेरिका को उत्तर कोरिया कोरिया का दुश्‍मन नंबर वन माना जाता रहा। पिछले वर्ष तक भी यह जारी रहा। लेकिन अब बदलते दौर में काफी कुछ बदलता दिखाई दे रहा है।

क्‍या होता है हरमिट किंगडम
दरअसल, हरमिट किंगडम का इस्‍तेमाल किसी भी ऐसे देश या सोसाइटी के लिए किया जाता है जो पूरी तरह से अलग-थलग हो या दूसरों से कटी हुई हो। वर्ष 1882 में इस शब्‍द का इस्‍तेमाल सबसे पहले विलियम एलियट ग्रिफिस ने अपनी किताब कोरिया: द हरमिट नेशन में किया था। इसके बाद से न सिर्फ इस शब्‍द का प्रचलन बढ़ गया बल्कि उत्तर कोरिया के लिए यह शब्‍द ज्‍यादा पहचाने जाने लगा। 2009 में इस शब्‍द को उस वक्‍त ज्‍यादा तवज्‍जो मिली जब अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इसका इस्‍तेमाल उत्तर कोरिया के लिए किया था।

गलती के लिए कठोर सजा का प्रावधान
आपको बता दें कि उत्तर कोरिया एक ऐसा देश हैं जहां पर कई तरह के प्रतिबंध हैं और गलती के लिए कड़ी सजा भी है। आपको जानकर ताज्‍जुब होगा कि उत्तर कोरिया में आज भी बंधक बनाया गया अमेरिकी जहाज यूएसएस प्यूब्लो मौजूद है जिसको 1968 में बंधक बनाया गया था। यह जहाज यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इसके अलावा यहां का जूच टॉवर, वर्कर्स मेमोरियल भी देखने लायक जगहों में से एक हैं। अमेरिका से ऊपरी तौर पर नफरत करने वाले उत्तर कोरिया के लोग वास्‍तव में उनके बड़े फैन हैं। यहां के लोग माइकल जैक्‍सन को बड़ा पसंद करते हैं। लेकिन अमेरिकी चीजों की बिक्री या वहां की फिल्‍म, संगीत सुनना यहां पर प्रतिबंधित है इसलिए यह काम चोरी छिपे होता है। लेकिन यदि पकड़ लिए गए तो सजा आपकी सोच से कहीं अधिक कठोर है। यहां का यंगाकडो होटल देश की कुछ बहुमंजिला इमारतों में से एक है। इमसें कुल 47 मंज़िलें हैं। ये ताएडॉन्ग नदी के बीच में स्थित एक टापू पर स्थित है। इसमें चार रेस्टोरेंट, एक बाउलिंग एले और मसाज पॉर्लर भी है।

ये है उत्तर कोरिया की कहानी
कोरियाई सैन्यविहीन क्षेत्र उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच विभाजन रेखा के रूप में कार्य करता है। अमनोक नदी और तुमेन नदी उत्तर कोरिया और चीन के बीच सीमा का निर्धारण करती है, वहीं धुर उत्तर-पूर्वी छोर पर तुमेन नदी की एक शाखा रूस के साथ सीमा बनती है। 1910 में, कोरिया साम्राज्य पर जापान के द्वारा कब्जा कर लिया गया था। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापानी आत्मसमर्पण के बाद, कोरिया को संयुक्त राज्य और सोवियत संघ द्वारा दो क्षेत्रों में विभाजित किया कर दिया गया, जहाँ इसके उत्तरी क्षेत्र पर सोवियत संघ तथा दक्षिण क्षेत्र पर अमेरिका द्वारा कब्ज़ा कर लिया गया। इसके एकीकरण पर बातचीत विफल रही, और 1948 में, दोनों क्षेत्रो पर अलग-अलग देश और सरकारें: उत्तर में सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पीपुल रिपब्लिक ऑफ कोरिया, और दक्षिण में पूंजीवादी गणराज्य कोरिया बन गईं। दोनों देश के बीच एक यूद्ध (1950-1953) भी लड़ा जा चूका हैं। कोरियाई युद्धविधि समझौता से युद्धविराम तो हुआ, लेकिन दोनों देश के बीच शांति समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किए गए।

जब अकाल से गई थी 3.5 मिलियन लोगों की जान
1994 से 1998 तक, उत्तर कोरिया में अकाल पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप 0.24 से 3.5 मिलियन लोगों की मौत हुई और देश अब भी खाद्य उत्पादन में संघर्ष कर रहा है। उत्तर कोरिया सोंगुन पॉलिसी का पालन करता है जिसका अर्थ है सैन्य-पहले। 1.21 मिलियन की इसकी सक्रिय सेना, चीन, अमेरिका और भारत के बाद दुनिया में चौथी सबसे बड़ी है। नार्थ कोरिया एक परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। पिछले वर्ष सितंबर में ही उत्तर कोरिया ने परमाणु परिक्षण के बाद इसकी घोषणा की थी। आपको ये भी जानकर हैरत होगी कि उत्तर कोरिया का कोई भी आधिकारिक धर्म नहीं है। यही वजह है कि वह अपने आप को एक नास्तिक देश मानता है। उसके लिए धर्म के कोई मायने नहीं हैं। 1994 से 1998 तक, उत्तर कोरिया में अकाल पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप 0.24 से 3.5 मिलियन लोगों की मौत हुई और देश अब भी खाद्य उत्पादन में संघर्ष कर रहा है।


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