चीन अब वनातू में बनाएगा सैन्य अड्डा, ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका की चिंताएं बढ़ीं
ऑस्ट्रेलिया से करीब दो हजार किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित है वनातू। यह 80 द्वीप से बना एक छोटा देश है। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय यहां अमेरिकी नौसेना का अड्डा था।
सिडनी, रायटर/एएफपी। दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में अपनी मजबूत पकड़ बनाने के बाद चीन ने अब अपनी आंखें दक्षिण प्रशांत महासागर पर गड़ा दी है। मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में छपी खबरों की मानें तो चीन अब दक्षिण प्रशांत सागर के द्वीपीय देश वनातू में भी अपना नौसैनिक अड्डा बनाने जा रहा है। इसी के चलते इस छोटे देश में चीन ने भारी निवेश करना शुरू कर दिया है।
हालांकि वनातू ने इन खबरों का खंडन किया है। लेकिन इस खबर की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद आस्ट्रेलियाई पीएम मैल्कम टर्नबुल को बयान देना पड़ा है। उन्होंने कहा, 'प्रशांत द्वीपीय देशों में किसी भी विदेशी देश के सैन्य अड्डे की स्थापना हमारे और हमारे पड़ोसियों के लिए चिंता की बात है।'
वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जूली बिशप ने यह स्वीकारा है कि हाल के वर्षों में चीन उनके रणनीतिक साझेदार वनातू में भारी निवेश कर रहा है। लेकिन बिशप ने आशा जताई कि वनातू उनका रणनीतिक साझेदार बना रहेगा। यहां के राष्ट्रीय सुरक्षा महाविद्यालय की प्रमुख रोरी मेडकाफ का मानना है कि वनातू में चीन का नौसैनिक या वायुसेना अड्डा होना ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के लिए भविष्य में मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
दरअसल, मंगलवार को फेयरफैक्स में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसमें दावा किया गया था कि चीन वनातू सरकार से सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहा है। इस बात से चिंतित ऑस्ट्रेलियाई सरकार लगातार अमेरिकी के संपर्क में है। चीन लगातार अपना सैन्य प्रभाव बढ़ाता जा रहा है। अगस्त, 2017 अफ्रीकी देश जिबूती में उसने अपना पहला सैन्य अड्डा बनाया था। इसने भारत की सुरक्षा चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।
कहां है वनातू?
ऑस्ट्रेलिया से करीब दो हजार किलोमीटर दूर पूर्व में स्थित है वनातू। यह 80 द्वीप से बना एक छोटा देश है। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय यहां अमेरिकी नौसेना का अड्डा था। इसी सैन्य अड्डे की मदद से अमेरिका ने जापानी फौज को प्रशांत सागर में ऑस्ट्रेलिया की तरफ बढ़ने से रोका था।