अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो बोले, समझौता तभी हुआ, जब तालिबान ने किया शांति के लिए प्रयास
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा अफगानिस्तान के साथ ये करार तभी हो पाया जब तालिबान ने शांति का प्रयास किया और अल कायदा के साथ अपने संबंध खत्म किए।
दोहा, एएनआइ। US-Taliban Doha Deal: अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए कतर में अमेरिका और तालिबान द्ववारा ऐतिहासिक समझौते के मौके पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा, अफगानिस्तान के साथ ये करार तभी हो पाया, जब तालिबान ने शांति का प्रयास किया और अल कायदा के साथ अपने संबंध खत्म किए। यह समझौता इस प्रयास की सच्ची परीक्षा है।
उन्होंने कहा कि हम तालिबान को उनकी प्रतिबद्धताओं के अनुपालन के लिए करीब से देखेंगे और उनके कार्यों के साथ हमारी वापसी की गति को जांचेंगे। इस तरह से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अफगानिस्तान फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों के लिए आधार के रूप में कार्य न करे।
US Secy of State Mike Pompeo: We will closely watch Taliban for their compliance with their commitments & calibrate the pace of our withdrawal with their actions. This is how we will ensure that Afghanistan never again serves as a base for international terrorists. #Afghanistan https://t.co/etvzBKwz1q" rel="nofollow — ANI (@ANI) February 29, 2020
दोहा में अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोंपिओ और तालिबान के मुल्ला बरादर ने इस समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी उपस्थित थे जबकि भारत का प्रतिनिधित्व कतर में भारतीय राजदूत पी कुमारन ने किया। समझौते के मुताबिक अगले 14 महीनों में अफगानिस्तान के विभिन्न इलाकों में तैनात 14 हजार अमेरिकी सैनिकों की वापसी होगी। पहले चरण में 5,000 सैनिक वापस होंगे। इस बीच तालिबान और अफगान सरकार के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू होगा ताकि वहां सत्ता भागीदारी को लेकर एक सर्वमान्य सहमति बन सके।
अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए कतर में अमेरिका और तालिबान ने ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के साथ अफगानिस्तान में सबसे लंबे अमेरिकी युद्ध का अंत होगा। अमेरिका के साथ ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर के लिए 31 सदस्यीय तालिबान प्रतिनिधिमंडल कतर पहुंचा है।