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अफगानिस्‍तान में अल-कायदा और दाएश जैसे आतंकी संगठनों का भी खतरा बढ़ा, संयुक्‍त राष्‍ट्र ने किया आगाह

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्‍तान में कई इलाकों में अल-कायदा और दाएश जैसे आतंकी संगठनों का खतरा बढ़ने लगा है। दाएश की खुरासान शाखा या आईएसआईएल-के के आतंकियों ने नूरिस्तान समेत अफगानिस्तान के अन्य प्रांतों में जड़ें जमानी शुरू की हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 11:54 PM (IST)
अफगानिस्‍तान में अल-कायदा और दाएश जैसे आतंकी संगठनों का भी खतरा बढ़ा, संयुक्‍त राष्‍ट्र ने किया आगाह
अफगानिस्तान में कई इलाकों में अल-कायदा और दाएश जैसे आतंकी संगठनों का खतरा बढ़ने लगा है।

काबुल, एजेंसियां। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में कई इलाकों में अल-कायदा और दाएश जैसे आतंकी संगठनों का खतरा बढ़ने लगा है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शांति प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता के चलते मुल्‍क में सुरक्षा की स्थिति नाजुक बनी हुई है। दाएश की खुरासान शाखा या आईएसआईएल-के के आतंकियों ने नूरिस्तान समेत अफगानिस्तान के अन्य प्रांतों में जड़ें जमानी शुरू की हैं।

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15 प्रांतों मौजूद है अलकायदा

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के मजबूत होने से इन आतंकी संगठनों ने बड़गी, सर-ए-पुल, बगलान, बदख्शां, कुंदुज और काबुल में स्लीपर सेल बनाए हैं। मौजूदा वक्‍त में आईएसआईएल-के नए समर्थकों की भर्ती और उनकी ट्रेनिंग को प्राथमिकता दी है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा ने कम से कम 15 अफगान प्रांतों (मुख्य रूप से पूर्वी, दक्षिणी और दक्षिण में) में मौजूद है।  

बाइडन ने गनी को दिया मदद का भरोसा 

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने अफगान समकक्ष अशरफ गनी से फोन पर बात कर के उन्‍हें भरोसा दिया है कि अमेरिका उनके देश की कूटनीतिक और मानवीय आधार पर मदद करता रहेगा। यह आश्वासन ऐसे समय दिया गया जब अफगानिस्तान में तालिबान अपना दायरा बढ़ाता जा रहा है। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, बाइडन और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी के बीच शुक्रवार को फोन पर बात हुई।

दस करोड़ डालर की मदद का एलान

समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार, व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा, 'हमारा मानना है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति सिर्फ राजनीतिक समाधान से हो सकती है। हम यहां की सरकार को मानवीय और सुरक्षा आधार पर सहायता मुहैया कराते रहेंगे।' व्हाइट हाउस ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति बाइडन ने अफगान शरणार्थियों के लिए दस करोड़ डालर (करीब 740 करोड़ रुपये) की आपात सहायता की घोषणा भी की।

हिंसा बंद करे तालिबान

समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और नाटो (नार्थ अटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन) ने तालिबान से अफगानिस्तान में हिंसा बंद करने और शांति वार्ता में शामिल होने की अपील की है। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, नाटो, फ्रांस, जर्मनी, नार्वे और ब्रिटेन के विशेष राजदूतों की रोम में गुरुवार को हुई बैठक में अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा हुई।

अमेरिका जाएंगे पाक एनएसए और आइएसआइ प्रमुख

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद यूसुफ और खुफिया एजेंसी आइएसआइ प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद अगले हफ्ते अमेरिका दौरे पर जाएंगे। वे अपने अमेरिकी समक्षों के साथ अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे। डान अखबार ने अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी।

ताजिकिस्तान-अफगान सीमा पर रूस ने तैनात किए सैनिक

मास्को, एएनआइ : रूस ने ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर सेना की तैनाती कर दी है। यहां छह हजार से ज्यादा रूसी सैनिक भेजे गए हैं। यह कदम अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते हमले से उपजे खतरे के मद्देनजर उठाया गया है। इधर, प्रेट्र के मुताबिक, पाकिस्तान ने अफगान सीमा पर नियमित सैनिकों की तैनाती कर दी है।

भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को किया सचेत

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक अफगानिस्तान में भारत के दूतावास ने शनिवार को एक एडवाइजरी जारी कर इस देश में रह रहे भारतीय नागरिकों को सचेत किया। एडवाइजरी में कहा गया है कि अफगानिस्तान में रहने वाले और काम करने वाले भारतीय नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सावधान रहें। देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर गैर जरूरी यात्राओं से बचें।


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