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स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में छाया रहा कोरोना वायरस का मुद्दा, UN ने विश्व एकजुटता का आह्वान किया

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य शिखर सम्‍मेलन में कोरोना वायरस महामारी का मुद्दा छाया रहा। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने कहा कि अब तक 4.2 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 10 लाख लोग इस बीमारी से मर चुके हैं। सम्‍मेलन में वैश्विक संकट में विश्व एकजुटता के आह्वान किया गया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:22 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:22 AM (IST)
स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में छाया रहा कोरोना वायरस का मुद्दा, UN ने विश्व एकजुटता का आह्वान किया
संयुक्‍त राष्‍ट्र महासिचव एंटोनियो गुटेरेस की फाइल फोटो। स्रोत- दैनिक जागरण।

संयुक्‍त राष्‍ट्र, एजेंसी। संयुक्‍त राष्‍ट्र प्रमुख ने रव‍िवार को विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में कहा कि कोरोना वायरस महामारी हमारे युग का सबसे बड़ा संकट है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में 4.2 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। अब तक 10 लाख लोग इस बीमारी से मर चुके हैं। शिखर सम्मेलन में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासिचव एंटोनियो गुटेरेस ने वैश्विक संकट में विश्व एकजुटता का आह्वान किया। उन्‍होंने सम्‍मेलन में ऑनलाइन सत्र में जोर देकर कहा कि विकसित देश उन देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों का समर्थन करें, जहां संसाधनों की भारी कमी हैं।

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कोरोना वायरस से सुरक्षित नहीं है हम

ऑनलाइन सत्र के उद्घाटन भाषण में बोलते हुए कई नेताओं और विशेषज्ञों ने विकासशील देशों की स्‍वास्‍थ्‍य प्रणालियों में सहयोग का आह्वान किया। जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टाइनमीयर ने कहा कि कोई भी व्‍यक्ति कोरोना वायरस से सुरक्षित नहीं है। उन्‍होंने कहा कि अगर हम सीमाओं के भीतर वायरस पर जीत हासिल करते हैं तो हम एक कैदी की भांति बने रहते हैं। जर्मन राष्‍ट्रपति ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस को दुनिया से खत्‍म नहीं किया जाता, तब तक हम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं।

गरीब और विकासशील देशों में कोरोना का कहर जारी

कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। दुनियाभर में खासकर गरीब और विकासशील देशों में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इनमें से मध्य एशिया के अधिकतर देश, भारत समेत दक्षिण एशिया के अन्‍य मुल्‍को, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के कई कोने शामिल हैं। गरीब मुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य संसाधनों की कम के चलते वायरस से जूझ रहे हैं। इन देशों में टीके की पहुंच एक बड़ी चुनौती है। दुनिया के हर व्‍यक्ति तक  टीके को पहुंचाने और उसे प्रभावी बनाए रखने के लिए कोल्ड चेन की जरूरत होगी। दुनियाभर की 7.8 अरब आबादी में से तीन अरब लोग ऐसे जगहों पर रहते हैं, जहां टीके के लिए पर्याप्त कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है।


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