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ब्रिटेन ने चीनी राजदूत को भेजा समन, ताइवान के खिलाफ गतिविधियों पर करेगा सवाल-जवाब

UK Foreign Office Summons Chinese Envoy पिछले दिनों नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। इसके बाद अब ब्रिटेन में चीन के राजदूत को तलब किया गया है। दरअसल ताइवान के खिलाफ चीन की कार्रवाइयों को लेकर सवाल जवाब किया जाएगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 10:05 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 12:01 PM (IST)
ब्रिटेन ने चीनी राजदूत को भेजा समन,   ताइवान के खिलाफ गतिविधियों पर करेगा सवाल-जवाब
ब्रिटेन ने चीनी राजदूत को भेजा समन

लंदन, एजेंसी। ताइवान पर चीन की कार्रवाइयों को लेकर अब ब्रिटेन एक्शन मोड में आ गया है। यहां के विदेश कार्यालय ( Foreign Office) की ओर से ब्रिटेन में चीनी एंबेसडर को समन भेजा  गया है। विदेश सचिव लिज ट्रस ने (Liz Truss) ने कहा कि उन्होंने राजदूत झेंग जेगुआंग को बुलाने के लिए अपने अधिकारियों को आदेश दिया था। पिछले सप्ताह नैंसी पेलोसी स्वशासित द्वीप के दौरे पर थीं। इसके बाद चीन की कार्रवाइयों को लेकर राजदूत से पूछताछ करने का फैसला लिया गया। बता दें कि चीन को पेलोसी का ताइवान दौरा अच्छज्ञ नहीं लगा।

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पेलोसी की ताइवान यात्रा पर बौखला गया था चीन

पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन ने एतराज जताया था। इसने अमेरिकी राजदूत को तलब किया और अमेरिका को इसका बुरा नतीजा भुगतने की धमकी भी दी थी। बीजिंग ने कहा था कि पेलोसी का ताइवान जाना चीन के लिए खतरा है। बुधवार को ट्रसने कहा, 'ब्रिटेन और इसके साझीदारों ने ताइवान के आसपास चीन की गतिविधियों की निंदा की है। मैंने अधिकारियों को चीनी राजदूत को तलब करने का निर्देश दिया है ताकि देश की ओर से ताइवान पर की गई कार्रवाइयों को लेकर पूछताछ किया जा सके।'

चीन के खिलाफ हैं ब्रिटिश पीएम पद के उम्मीदवार

चीन को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस ने अपना सख्त रुख जाहिर किया है। सुनक और ट्रस के चीन को लेकर दिए गए बयानों पर झेंग ने कहा था कि ब्रिटिश राजनेता द्विपक्षीय संबंधों के मूल सिद्धांतों के बारे में यथार्थवादी रहें। हालांकि झेंग की चेतावनी को लेकर ब्रिटेन की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

पिछले माह ही चीनी राजदूत ने ब्रिटिश सांसदों की ताइवान यात्रा को चीन के अंदरूमी मामलों में दखल माना था। राजदूत ने कहा था कि इससे चीन-ब्रिटेन संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, झेंग ने कहा, 'हम चीन- ब्रिटेन संयुक्त विज्ञप्ति का पालन करने का आह्वान करते हैं।' चीनी राजदूत ने ब्रिटिश सांसदों से कहा, 'ताइवान मुद्दे की अत्यधिक संवेदनशीलता को कम नहीं आंकें और अमेरिका (America) के नक्शेकदम पर न चलें।'


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