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यूएई ने विकसित की कोरोना की लेजर टेस्टिंग तकनीक, चंद सेकेंड में होगी सामूहिक स्क्रीनिंग

संयुक्त अरब अमीरात की क्वांटलेस इमेजिंग लैब ने एक नया उपकरण विकसित करने का दावा किया है। इस तकनीक से बहुत तेजी से कोरोना की सामूहिक टेस्टिंग की जा सकेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 09:10 PM (IST)
यूएई ने विकसित की कोरोना की लेजर टेस्टिंग तकनीक, चंद सेकेंड में होगी सामूहिक स्क्रीनिंग
यूएई ने विकसित की कोरोना की लेजर टेस्टिंग तकनीक, चंद सेकेंड में होगी सामूहिक स्क्रीनिंग

आबुधाबी, एएनआइ। पूरे विश्व में चिकित्सा जगत के लोग कोरोना के संकट से निपटने के लिए जुटे हुए हैं। ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की क्वांटलेस इमेजिंग लैब ने एक नया उपकरण विकसित करने का एलान किया है। इस लेजर टेस्टिंग तकनीक से बहुत ही तेजी से कोविड-19 के संक्रमण की सामूहिक टेस्टिंग की जा सकेगी। कुछ ही सेकेंड में पता चलेगा कि बड़ी तादाद में लोग कोरोना वायरस के संक्रमण के शिकार हैं या नहीं।

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वैम की रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में कार्यरत अंतरराष्ट्रीय होल्डिंग कंपनी आइएचसी की क्वांटलेस इमेजिंग लैब ने बड़े पैमाने पर कोरोना के संक्रमण की स्क्रीनिंग के लिए उपकरण तैयार कर लिया है। इससे तेजी से फैलने वाले इस संक्रमण की जांच में आसानी होगी और पूरे विश्व को इस महामारी से निपटने के लिए नया जरिया मिलेगा।

जॉन हॉपकिंग्स यूनिवर्सिटी के डाटा के अनुसार दुनिया में साढ़े चार लाख से अधिक लोग इस वैश्विक महामारी से संक्रमित हैं और करीब तीन लाख लोगों की मौत हो चुकी है। यूएई में भी कोविड-19 के मामले बढ़कर 25 हजार से अधिक हो गए हैं।

वैम ने यूएई के स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल रहमान बिन नसीर अल ओवैसी ने कहा कि उनकी सरकार यूएई में स्वास्थ्य सेवाओं में मददगार हर पहल का समर्थन करती है। स्वास्थ्य अधिकारी क्वांटलेस की परीक्षणों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उन्हें उस तकनीक का बेसब्री से इंतजार है जो उन लोगों को सुरक्षित रखने में मददगार साबित होगी।

इस शोध टीम के नेतृत्व कर्ता डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित रक्त कोशिकाओंपर लैब में शोध किया जा रहा है। इसके परीक्षण के लिए सीएमओएस डिटेक्टर तैयार किया गया है जो बड़े पैमाने पर लोगों का कुछ ही क्षणों में परीक्षण करेगा। उनकी लेजर आधारित डीपीआइ (डिफरेक्टिव फेज इंटरफेरोमेट्री) तकनीक ऑप्टिकल फेज मॉड्यूलेशन पर आधारित है। इससे कुछ ही सेकेंड में संक्रमण की पहचान होगी।


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