Move to Jagran APP

इराक : बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट से हमला

इराक के नेशनल सिक्योरिटी सर्विस के पास गिरा जो अमेरिकी दूतावास से सिर्फ 600 मीटर की दूरी पर है। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इराक में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की संख्या को तीन हजार से कम करने 2500 का निर्णय लिया है।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 09:41 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 09:41 AM (IST)
इराक : बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट से हमला
बगदाद के ग्रीन जोन में दो रॉकेट से किया गया हमला

बगदाद, एपी। इराक की राजधानी बगदाद में अत्यधिक सुरक्षा घेरे में स्थित ग्रीन जोन इलाके में रॉकेट से हमला किया गया है। एक रॉकेट देश के नेशनल सिक्योरिटी सर्विस के पास गिरा जो अमेरिकी दूतावास से सिर्फ 600 मीटर की दूरी पर है। ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इराक में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की संख्या को तीन हजार से कम करने 2500 का निर्णय लिया है।

loksabha election banner

इससे पहले अक्टूबर महीने में ईरान समर्थित मिलीशिया ने कहा था कि वह इराक में अमेरिकी सैनिकों पर किए जा रहे हमलों पर अस्थाई रूप से रोक लगा रहा है, जिसमें अमेरिकी दूतावास भी शामिल है। इसके साथ यह भी शर्त रखी गई थी कि अमेरिका अपने सैनिकों को इराक से वापस बुला लेगा।

इराक में 21 आतंकियों और हत्यारों को सामूहिक फांसी

इराक में 21 आतंकियों और हत्यारों को सामूहिक फांसी दी गई है। देश के आंतरिक मंत्रालय की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई थी। सोमवार को यहां 21 लोगों को एक साथ फांसी पर लटका दिया गया था। इन लोगों को दक्षिणी इराक के शहर नासिरिया की जल में फांसी दी गई थी। इन लोगों में इराक के उत्तरी शहर तल अफर में हुए दो आत्मघाती हमलों में संलिप्त दो लोग भी शामिल थे। 

2014 से 2017 के दौरान अमेरिकी सैन्य अभियान में आइएस को पराजित करने के बाद से इराक में सौकड़ों जिहादियों पर मुकदमा चलाया गया था और इस दौरान कई बार सामूहिक फांसी भी दी गई। वहीं, दूसरी तरफ मानवाधिकार समूहों ने इराकी और अन्य क्षेत्रीय बलों पर न्यायिक प्रक्रिया में विसंगतियों और मुकदमों में खामियों का आरोप लगाया है जबकि इराक ने इन्हें निष्पक्ष बताया है। बता दें कि साल 2014 में इस्लामिक स्टेट ने इराक के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया था, लेकिन तीन सालों में इराक और पड़ोसी देश सीरिया में उसे काफी हद तक पराजित कर दिया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.