रूटीन ट्रैफिक चेकिंग के दौरान न्यूजीलैंड के दो पुलिस अधिकारियों को मारी गोली
पुलिस ने ट्विटर पर एक बयान में कहा उनसे एक शख्स का वाहन टकरा गया था जिस कारण संदिग्ध बचके भाग निकला।
वेलिंगटन, रॉयटर्स। न्यूजीलैंड की पुलिस को एक व्यक्ति की तलाश थी, जिसने शुक्रवार को ऑकलैंड शहर में आने से पहले एक नियमित ट्रैफिक स्टॉप के दौरान दो अधिकारियों को गोली मार दी। इस हमले में पुलिसवालें गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। पुलिस ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, उनसे एक शख्स का वाहन टकरा गया था, जिस कारण संदिग्ध बचके भाग निकला। वेत्तामाता जिला कमांडर, सुपरिंटेंडेंट नैला हसन ने एक बयान में कहा, 'सख्त तलाशी अभियान चल रहा है, तत्काल रूप से उस जगह के स्कूल बंद करने के आदेश दिए गए हैं।'
बता दें कि न्यूज़ीलैंड में बंदूक संबंधित अपराध कम होते हैं। पिछले साल क्राइस्टचर्च में 51 मुस्लिम उपासकों की हत्या के बाद से देश में सामूहिक गोलीबारी में क़ानून को कड़ा कर दिया गया है। देश के सांसदों ने गुरुवार को एक नई आग्नेयास्त्र रजिस्ट्री बनाने के लिए कानून पारित किया है कि लाइसेंस धारकों को बंदूकें खरीदने या बेचने के लिए अपडेट करने की आवश्यकता होगी।
न्यूजीलैंड में हुए सबसे वीभत्स क्राइस्टचर्च मस्जिद हमले को अंजाम देने के आरोपी ने मार्च 2020 को अपने सारे अपराध कबूल कर लिए थे। उसे क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में 51 लोगों की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया था। एक साल पहले हुए इस हमले ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था और इसके बाद खतरनाक अर्द्धस्वचालित हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए नए कड़े कानून लाने पड़े थे।
क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों अल-नूर और लिनवुड पर ऑस्ट्रेलियन नागरिक ब्रेंटन हैरिसन टैरेंट को हमला करने का दोषी करार दिया गया था। बता दें कि 15 मार्च 2019 को 28 साल के ब्रेंटन ने दो मजिस्दों में नमाज के दौरान लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं।
हालांकि उसे पुलिस ने हमले के 21 मिनट बाद गिरफ्तार कर लिया था। दोषी टैरेंट ने इस नरसंहार का फेसबुक पर लाइव वीडियो भी जारी किया था, जो वायरल होकर एक अन्य सोशल मीडिया पर भी देखा गया था। यह हमला इतना भयावह था कि इसने देश के पूरे मुस्लिम समुदाय को हिलाकर रख दिया था, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय लोगों ने प्रभावितों के साथ एकजुटता दिखाई थी।
तब इसके बाद ही प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने गन कानून में बदलाव की बात कही थी। हमले के दौरान 50 से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे। इसमें बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी बाल-बाल बच गए थे।