ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर दो इजरायली अखबारों को किया गया हैक
जराइल के दो प्रतिष्ठित अखबारों की वेबसाइट को सोमवार तड़के हैकर्स ने निशाना बना लिया जिसमें इजरायल अखबार द जेरूसलम पोस्ट और मारीव शामिल हैं।अखबार को हैक करने के बाद इसकी सामग्री के साथ छेड़-छाड़ की गई यह हैकिंग ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की पुण्यतिथि पर की गई है।
इजराइल, एएनआइ। इजराइल के दो प्रतिष्ठित अखबारों की वेबसाइट को सोमवार तड़के हैकर्स ने निशाना बना लिया, जिसमें इजरायल अखबार द जेरूसलम पोस्ट और मारीव शामिल हैं।अखबार को हैक करने के बाद, इसकी सामग्री के साथ छेड़-छाड़ की गई, आपको बता दें कि यह हैकिंग ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की पुण्यतिथि पर की गई है। हैकरों ने अखबारों की वेबसाइट से उसकी मूल सामग्री को हटाकर इजराइल के अघोषित परमाणु कार्यक्रम स्थल पर हमले की एक तस्वीर को लगा दिया। हालांकि यह सब किसने किया इस बात कि अब तक किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
हैक की गई छवि में
जेरूसलम पोस्ट की वेबसाइट पर पोस्ट की गई छवि को दो साल पहले इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी से जोड़ा जा रहा है। इस तस्वीर में एक लम्बी मिसाइल को भी दिखाया गया है। हैक कर लगाई गई छवि में इजराइल के डिमोना शहर के पास शिमोन पेरेज नेगेव परमाणु अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है, जिसमें ईरानी सेना के हमले को केंद्रित किया गया है। बता दें कि शिमोन पेरेज नेगेव परमाणु अनुसंधान केंद्र में बीते कई दशकों से इजराइल का अघोषित परमाणु हथियार कार्यक्रम जारी है।
जेरूसलम पोस्ट ने सोमवार को एक बयान में कहा
जेरूसलम पोस्ट ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'मारीव और द जेरूसलम पोस्ट वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट को सोमवार की सुबह के शुरुआती घंटों में ईरानी समर्थक हैकरों द्वारा टारगेट किया गया था, जिसमें एक मॉडल डिमोना परमाणु सुविधा को उड़ा दिया गया था और कंटेंट टेक्स्ट में कहा गया 'हम आपके करीब हैं, आप इसके बारे में मत सोचो' यह अंग्रेजी और हिब्रू भाषा में ट्विटर और वेबसाइट पर रखा गया है।
अख़बार के अनुसार, हैकर्स द्वारा फैलाई गई तस्वीर में एक बैलिस्टिक मिसाइल भी दिखाई दे रही है जो सुलेमानी के हाथ का प्रतिनिधित्व करती हुई प्रतीत होती है।
जेरूसलम पोस्ट ने ट्विटर पर आगे कहा, "हम इसराइल के प्रत्यक्ष खतरे के साथ-साथ हमारी वेबसाइट की स्पष्ट हैकिंग के बारे में जानते हैं। हम इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहे हैं और पाठकों को आपके धैर्य और समझ के लिए धन्यवाद देते हैं।'
अखबार ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स ईरान के थे या कहीं और के, लेकिन इसका जल्द पता लगा लिया जाएगा।
आपको बता दें कि 3 जनवरी, 2020 को बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कुलीन कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
दिसंबर में अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि सुलेमानी की हत्या की बरसी के सिलसिले में अमेरिका जनवरी में इराक में बलों पर हमले की तैयारी कर रहा था।