नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Turkey Earthquake तुर्किये और सीरिया में सोमवार तड़के आए तेज भूकंप के चलते 5000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 20 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। तुर्किये (पहले तुर्की कहा जाता था) में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में हजारों इमारतें धराशायी हो गईं और कई लोग अभी तक मलबे में फंसे हैं। इस बीच अकेले तुर्किये (Earthquake in Turkey and Syria) में 3500 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। तुर्किये में भूकंप आना आम बात है, कई बार तो यहां एक साल में हजारों दफा भूकंप के झटके महसूस किए गए। आइए जानें आखिर इसके पीछे क्या है कारण...
2020 में 33000 से अधिक बार कांपी धरती
तुर्किये में हर दूसरे महीने भूकंप के झटके लगते रहते हैं और इस क्षेत्र को भूकंप के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक स्थानों में से एक माना जाता है। तुर्किये के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) के आंकड़ों के अनुसार अकेले साल 2020 में 33,000 से अधिक भूकंप की घटनाएं यहां देखने को मिली, जिनमें से 322 की तीव्रता 4.0 से भी अधिक थी।
1939 में 32 हजार से ज्यादा लोगों की गई थी जान
पिछले वर्ष भी दुनिया के तीन सबसे घातक भूकंप तुर्किये या उसके आस-पास के क्षेत्र में आए थे। जनवरी में पूर्वी इलैडुग में 41 लोग मारे गए थे। वहीं उसी साल अक्टूबर में, पश्चिमी इजमिर में 6.6 तीव्रता के भूकंप में 117 लोगों की मौत हो गई थी। तुर्किये में 1939 में भी 7.8 का तेज भूकंप आया था, जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
तुर्किये में क्यों आते हैं इतने भूकंप
तुर्किये में बार-बार भूकंप आने का कारण टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। लगभग 8 करोड़ की आबादी वाला देश 4 टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है और एक प्लेट के हिलने से भी पूरा क्षेत्र जोरदार झटके महसूस करता है। तुर्किये का सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर बसा है, जो दो प्रमुख प्लेटों, यूरेशियन और अफ्रीकी और एक छोटी, अरेबियन के बीच स्थित है। अफ्रीकी और अरब प्लेटें जैसे ही शिफ्ट होती हैं, पूरा तुर्किये जोर से कांपने लगता है।