Khashoggi Murder Case में हुए सजा के एलान से तुर्की असंतुष्ट, कही यह बात
वाशिंगटन पोस्ट के एक स्तंभकार खशोगी इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद अक्टूबर 2018 में लापता हो गए थे।
अंकारा, एएनआइ। राष्ट्रपति के प्रवक्ता फहार्टिन अल्टुन ने कहा, सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में सुनाई गई सजा को लेकर तुर्की असंतुष्ट है। सऊदी पब्लिक प्रॉसिक्यूशन ऑफ़िस के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि सऊदी अदालत ने खशोगी की हत्या में आठ संदिग्धों को सजा की घोषणा की थी। उनमें से पांच को 20 साल की जेल की सजा दी गई थी, एक को 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी और प्रत्येक को दो से सात साल की सजा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला जो जमाल खशोगी की मौत में इस्तांबुल में किंगडम के वाणिज्य दूतावास में सऊदी अदालत ने सुनाया है, वो तुर्की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हम अभी भी नहीं जानते कि खशोगी के साथ क्या हुआ, कौन उन्हें मारना चाहते थे। कई सवाल है, जो कानूनी कार्यवाही की विश्वसनीयता पर संदेह खड़ा करता है। अल्टुन ने कहा कि तुर्की सऊदी अधिकारियों से तुर्की में जारी हत्या की जांच में सहयोग करने का आग्रह कर रहा था। उन्होंने कहा कि यह एक कानूनी और कर्तव्यनिष्ठ दायित्व है कि वे जमाल खशोगी हत्या पर प्रकाश डाले, जो तुर्की की सीमाओं के भीतर हुआ और न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि भविष्य में इसी तरह के अत्याचारों को रोका जा सकता है।
वाशिंगटन पोस्ट के एक स्तंभकार खशोगी इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद अक्टूबर 2018 में लापता हो गए। माना गया कि सऊदी पत्रकार खशोगी की हत्या दो अक्टूबर, 2018 को तब हुई थी जब वह इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में गए थे। उन्हें सऊदी अरब की राजसत्ता खासतौर पर युवराज मुहम्मद बिन सलमान का आलोचक माना जाता था। सितंबर 2019 में युवराज ने माना था कि उनकी जानकारी में खशोगी की हत्या हुई थी। इस मामले में सोमवार को सऊदी अरब की अदालत ने आठ लोगों को सात से 20 साल के कारावास की सजा सुनाई।
बताया गया है कि दिसंबर 2019 में अदालत ने हत्या के दोषी पाए गए आठ में से पांच लोगों को मौत की सजा दी थी, लेकिन परिजनों के माफी देने के बाद अब इन दोषियों के लिए 20-20 साल की सजा का एलान हुआ है। एक दोषी को दस साल और दो को सात-सात साल के कारावास की सजा दी गई है। दोषी पाए गए लोगों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
हत्याकांड की जांच में पता चला था कि खशोगी को सऊदी अरब के खुफिया विभाग के खास दस्ते ने दर्दनाक तरीके से मारा था और उनकी लाश को वाणिज्य दूतावास के भीतर ही नष्ट कर दिया था। पत्रकार की इस बर्बर हत्या की दुनिया भर में कड़ी निंदा हुई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कहा था। इसी के बाद हत्या में सऊदी अरब के सरकारी खुफिया विभाग की संलिप्ततता सामने आई और अब उनके लिए सजा का एलान हुआ है।