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North Korea बाढ़ और कोरोना से परेशान, तानाशाह ने कहा बाहर से नहीं चाहिए कोई मदद, धन्यवाद

नॉर्थ कोरिया इन दिनों दोहरी परेशान झेल रहा है। एक तो उसके यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है दूसरे बीते एक सप्ताह से अधिक समय से बाढ़ से दूसरी परेशानी में डाल रखा है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 05:14 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 05:25 PM (IST)
North Korea बाढ़ और कोरोना से परेशान, तानाशाह ने कहा बाहर से नहीं चाहिए कोई मदद, धन्यवाद

प्योंगयांग, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। नॉर्थ कोरिया इन दिनों दोहरी परेशान झेल रहा है। एक तो उसके यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है दूसरे बीते एक सप्ताह से अधिक समय से बाढ़ से दूसरी परेशानी में डाल रखा है। कई इलाकों में पानी भर गया है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं।

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अब तानाशाह के सामने इन दोनों मुसीबतों से एक साथ निपटने की मुसीबत है। ऐसे में किम ने एक आदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने देश को किसी भी तरह से बाहरी मदद को स्वीकार न करने का आदेश दिया है। जिससे कि कम से कम कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।

तानाशाह का कहना है कि यदि ऐसे में बाहरी देशों से किसी तरह से मदद ली गई तो कोरोना का प्रसार बढ़ने की संभावना अधिक हो जाएगी, इसको देखते हुए बाहर से किसी तरह की मदद नहीं ली जाएगी बल्कि सीमा पर और सख्ती बरती जाएगी। बाढ़ में जिन लोगों के घर बह गए हैं या उनको नुकसान हुआ है उनके लिए संवेदना व्यक्त करते हुए तानाशाह ने कहा कि जल्द ही उनकी मदद की जाएगी। 

जिससे वो अपना सामान्य जीवन शुरू कर सके। इन दिनों बाढ़ से प्रभावित होने की वजह से लाखों लोग अस्थायी कैंपों में रह रहे हैं। उनके सामने खाने पीने की समस्या भी पैदा हो गई है। नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन का कहना है कि राष्ट्र "एक ही समय में दो संकटों" का सामना कर रहा है। एक ओर कोरोनावायरस के प्रसार से लड़ना पड़ रहा है दूसरी ओर बाढ़ की वजह से व्यापक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।

गुरुवार को सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी पोलित ब्यूरो की एक बैठक के दौरान किम ने कहा कि उन परिवारों के दर्द से उनको सहानुभूति है जो बाढ़ में अपने घरों को खो चुके थे और अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बाहरी मदद से कोरोना का प्रसार हो रहा है उसको देखते हुए हमें किसी भी बाहरी सहायता की आवश्यकता नहीं है। इसकी अनुमति भी नहीं दे सकते हैं। 

महामारी और बाढ़ की दोहरी मार झेल रही आपदाओं ने किम की आर्थिक परेशानियों को और बढ़ा दिया है। नॉर्थ की अर्थव्यवस्था, पहले से ही अपने परमाणु हथियारों के विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण प्रभावित है। दूसरी ओर जब से कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है उसके बाद से देश में पर्यटन बंद हो गया है साथ ही चीन के साथ निर्यात और आयात में बड़े पैमाने पर कटौती हुई है। जिसका भी काफी असर पड़ा है।

नॉर्थ कोरिया में प्राकृतिक आपदा ने 96,300 एकड़ खेत और 16,680 घरों, साथ ही सड़कों, तटबंधों और रेल लाइनों को नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिणी और पश्चिमी प्रांतों में हुआ। नॉर्थ कोरिया ने जनवरी के अंत में अपनी सीमाओं को सील करने और एक महीने के लिए प्योंगयांग में सभी राजनयिकों को छोड़ने के लिए कोरोनोवायरस के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। इसने पिछले महीने कासॉन्ग शहर की सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया था।  


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