रोहिंग्या संकट पर सू की से मिलेंगे टिलरसन
मनीला में आयोजित आसियान समिट में अनेक देशों की ओर से रोहिंग्या मुद्दे को उठाया गया और इस संकट के जल्द समाधान की मांग की गयी।
ने पी तॉ (आइएएनएस)। रोहिंग्या संकट पर अमेरिका के गृह सचिव रेक्स टिलरसन बुधवार को म्यांमार की नेता आंग सान सू की से मुलाकात करेंगे। म्यांमार सरकार के साथ सैन्य बल के प्रमुख से भी टिलरसन मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का मकसद रखाइन में मानवीय संकट के समाधान के लिए मदद और कार्रवाई का प्रस्ताव रखना है।
मंगलवार को मनीला में आसियान समिट के खत्म होने के बाद शीर्ष अमेरिकी राजनयिक वापस लौट गए। मनीला में जब वे सू की से मिले थे तब टिलरसन ने रोहिंग्या मुद्दे पर समाधान व हिंसा खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया। मनीला में सू की ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरेस से भी मुलाकात की जिन्होंने रखाइन में मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की मांग की और बांग्लादेश पलायन करने वाले रिफ्यूजी को सुरक्षित वापसी कराने को कहा।
पश्चिमी रखाइन के उत्तरी इलाके में सैन्य हमले के बाद आतंकित रोहिंग्या समुदाय के 618,000 से अधिक लोग पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए। संयुक्त राष्ट्र के उच्चायोग द्वारा इसे ‘जाति का सफाया’ कहने के बावजूद म्यांमार आर्मी ने रोहिंग्या के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई से इंकार किया है।
साल 2011 में म्यांमार के सैनिक नेतृत्व ने देश की जुंटा सरकार को भंग कर दिया और चुनाव कराए। इन चुनावों में आंग सान सू की के नेतृत्व वाली नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी ने भाग लिया और अप्रैल, 2016 में जाकर उनकी सरकार बनी।
बौद्ध बहुसंख्यक वाले म्यांमार में सुरक्षा बलों के कथित अत्याचारों से 6,00,000 लाख से अधिक रोहिंग्या मुस्लमान सीमा पार कर बांग्लादेश जाने को मजबूर हो गये। रखाइन प्रांत में यह संकट देश की पुलिस चौकियों पर हुए घातक हमलों के बाद उत्पन्न हुआ। इन हमलों के आरोप नव गठित आतंकी समूह, अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) पर लगाये गये थे।
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